ज्योतिष (Astrology) में राहु (Rahu) और केतु (Ketu) दो ऐसे पाप ग्रह हैं, जो हमेशा उलटी चाल चलते हैं. आज 23 सितंबर को 18 महीने बाद उनका राशि परिवर्तन हो रहा है.
Trending Photos
नई दिल्ली: ज्योतिष (Astrology) में राहु (Rahu) और केतु (Ketu) दो ऐसे पाप ग्रह हैं, जो हमेशा उलटी चाल चलते हैं. आज 23 सितंबर को 18 महीने बाद उनका राशि परिवर्तन हो रहा है. राहु वक्री चाल चलते हुए वृषभ (Taurus) राशि में तो वहीं केतु वृश्चिक राशि (Scorpio) में प्रवेश कर रहा है. निश्चित रूप से इन दोनों ग्रहों का राशि परिवर्तन देश, समाज और विभिन्न राशियों के जातकों पर बड़ा असर डालने जा रहा है.
केतु के प्रभाव
पौराणिक कथा के अनुसार, केतु एक रूप में राहु नामक ग्रह के सिर का धड़ है. इसे समुद्र मन्थन के समय मोहिनी अवतार लेने वाले भगवान विष्णु ने काट दिया था. ज्योतिष के अनुसार, केतु मंगल ग्रह की तरह ही प्रभाव डालता है. यदि आपकी कुंडली में केतु अशुभ फल दे रहा है और आप तमाम तरह की परेशानियों से घिरे हुए हैं तो आपको उसके बुरे प्रभाव (Effects of Ketu) से बचने के लिए कई उपाय आजमाने पड़ सकते हैं.
यह भी पढ़ें- समस्त विघ्नों को हरते हैं गणेश जी, प्रत्येक बुधवार को ऐसे करें उनकी पूजा व जानें विशेष मंत्र
केतु के प्रभाव से बचने के उपाय
केतु के बुरे और नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए निम्न उपाय आजमाए जा सकते हैं.
1. केतु से मिलने वाले कष्टों को दूर करने के लिए गणपति उपासना अत्यंत शुभ और फलदायी मानी गई है. ऐसे में आज यानी बुधवार के दिन से ही आप उनके अथर्वशीर्ष का पाठ करना प्रारंभ कर दें. निश्चित रूप से गणपति आपके जीवन से सभी विघ्न-बाधाओं को दूर करके शुभ फल प्रदान करेंगे.
2. यदि संभव हो तो काले रंग की गाय किसी ब्राह्मण को दान में दें अथवा उसकी सेवा करें. यदि महानगर में रहते हुए यह संभव न हो पाए तो आप किसी भी गोशाला में गाय के चारा की सेवा धन आदि देकर कर सकते हैं.
3. निर्धन, असहाय, अपंग व्यक्तियों को भोजन, धन आदि का दान दें. कभी भूलकर भी उनका अपमान न करें. यदि मदद न कर सकें तो विनम्रता के साथ हाथ जोड़ लें.
यहां भी पढ़ें- जीवन के साथ ही सभी धर्मों की आस्था से भी जुड़ा है जल, जानिए कैसे
4. किसी सरोवर या तालाब आदि में मछलियों को आटे की गोली डालें. इसी तरह जहां कहीं चीटियां दिखाई पड़ें, वहां पर उनके खाने के लिए आटा डालें.
5. काले-सफेद कुत्ते को विशेष रूप से अपने भोजन का कुछ हिस्सा खाने को दें. यदि यह संभव न हो तो बहते हुए जल में काल और सफेद तिल प्रवाहित करें.
6. कुंडली में केतु की अशुभता को दूर करने के लिए केतु के वैदिक एवं तांत्रिक मंत्र का पाठ करें.
यह भी पढ़ें- दूर्वा के इस चमत्कारी उपाय से दूर होगा दुर्भाग्य, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
केतु के मंत्र
केतु का प्रभाव कम करने के लिए कई तरह के मंत्रों का जाप करना भी फलदायक माना गया है. जानिए उन मंत्रों (Ketu Mantra) के बारे में.
केतु का वैदिक मंत्र
'ॐ केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेश से। सुमुषद्भिरजायथा:॥'
केतु का पौराणिक मंत्र
'पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्।
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम् ॥'
केतु का तांत्रोक्त मंत्र
'ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:॥'
केतु का एकाक्षरी बीज मंत्र
'ॐ कें केतवे नम:॥'