Vidyarambh Sanskar 2024: माघ महीने में कई सारे त्योहार मनाए जाते हैं. इन्हीं में से एक है बसंत पंचमी का त्योहार. ये पर्व स्टूडेंट्स और बच्चों के लिए काफी खास माना जाता है. ये दिन शादी, गृह प्रवेश और खासतौर से बच्चों की विद्यारंभ के लिए काफी विशेष माना जाता है.
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Basant Panchami 2024: माघ महीने में कई सारे त्योहार मनाए जाते हैं. इन्हीं में से एक है बसंत पंचमी का त्योहार. ये पर्व स्टूडेंट्स और बच्चों के लिए काफी खास माना जाता है. ये दिन शादी, गृह प्रवेश और खासतौर से बच्चों की विद्यारंभ के लिए काफी विशेष माना जाता है. बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करने से अज्ञानता दूर होती है. इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा. इसी के चलते आज हम आपको विद्यारंभ संस्कार का महत्व, मुहूर्त बताने जा रहे हैं.
विद्यारंभ संस्कार का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. इस दिन मां सरस्वती की पूजा और विद्यारंभ करनी चाहिए. विद्यारंभ संस्कार में बच्चों द्वारा भगवान गणेश, मां सरस्वती, किताब, पैन-पेंसिल, कलम की पूजा करानी चाहिए. माना जाता है कि विद्यारंभ संस्कार से बच्चों में पढ़ाई, ज्ञान की ओर जिज्ञासा की भावना जागती है.
विद्यारंभ संस्कार का मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का शुभारंभ 13 फरवरी यानी आज दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से होगा. वहीं, इसका समापन कल यानी 14 फरवरी को दिन में 12 बजकर 9 मिनट पर होगा. जिसके चलते बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी का त्योहार मनाया जाएगा. विद्यारंभ संस्कार का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को सुबह 7 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक है.
विद्यारंभ संस्कार की विधि
गणेश पूजन
विद्यारंभ संस्कार की शुरुआत गणेश जी की पूजा से की जाती है. सबसे पहले मंत्रोच्चार के साथ बच्चे के हाथ से अक्षत, फूल, रोली गणेश जी को अर्पित करवाएं. फिर प्रार्थना करें कि बच्चे पर गणेश जी की कृपा बनी रहे और ज्ञान की वृद्धि होती रहे.
मंत्र
ॐ गणानां त्वा गणपति हवामहे, प्रियाणां त्वा प्रियपति हवामहे, निधीनां त्वा निधिपति हवामहे, वसोमम। आहमजानि गभर्धमात्वमजासि गभर्धम्। ॐ गणपतये नमः। आवाहयामि, स्थापयामि, ध्यायामि॥
सरस्वती पूजा
गणेश पूजन के बाद बच्चे के हाथ से मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर पर अक्षत, फूल, रोली अर्पित करवाएं. पूजा के दौरान बच्चे मां सरस्वती से सद्बुद्धि, ज्ञान का आशीर्वाद की प्रार्थना करें. साथ ही इन मंत्रों का जाप करें.
ॐ पावका नः सरस्वती, वाजेभिवार्जिनीवती। यज्ञं वष्टुधियावसुः।
ॐ सरस्वत्यै नमः। आवाहयामि, स्थापयामि, ध्यायामि।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)