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नई दिल्ली: हिंदू धर्म में शक्ति की उपासना के पर्व नवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है. वैसे तो साल में नवरात्रि 4 बार आती है लेकिन इनमें से 2 नवरात्रि गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) होती है जो माघ महीने में और आषाढ़ महीने में आती है. तो वहीं बाकी 2 नवरात्रि यानी चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) और शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे अधिक होता है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की आराधना की जाती है. चैत्र नवरात्रि का महत्व इसलिए भी अधिक होता है क्योंकि हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से हिंदू नव वर्ष यानी कि नव सम्वत्सर की शुरुआत होती है. इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत किस दिन से हो रही है और मां दुर्गा किस वाहन से आ रही हैं, यहां जानें.
इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल से हो रही है और समापन 22 अप्रैल को होगा. 13 अप्रैल को नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि है और इसी दिन कलश स्थापना (Kalash Sthapna) भी की जाएगी. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. हर दिन देवी दुर्गा के एक रूप की पूजा होती है. देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूप हैं- पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सांतवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें यानी नवरात्रि के आखिरी दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्रि रूप की पूजा होती है.
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13 अप्रैल को जिस दिन से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है उस दिन ही कलश या घट की स्थापना की जाएगी. नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना का विशेष महत्व माना गया है. ऐसी मान्यता है कि कलश स्थापित करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
नवरात्रि में मां दुर्गा जिस वाहन पर सवार होकर आती हैं उसका विशेष महत्व माना गया है. मां दुर्गा के वाहन से भी सुख समृद्धि का पता लगाया जाता है. इस साल चैत्र नवरात्रि का आरंभ मंगलवार के दिन से हो रहा है और इसलिए मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी. आपको बता दें कि इससे पहले शारदीय नवरात्रि पर भी मां घोड़े पर सवार होकर आई थीं.
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(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें)