चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सही दिशा में करें कलश स्थापना, मां की बरसेगी असीम कृपा, नोट करें सही विधि और पूजा मुहूर्त
Advertisement
trendingNow12185796

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सही दिशा में करें कलश स्थापना, मां की बरसेगी असीम कृपा, नोट करें सही विधि और पूजा मुहूर्त

Chaitra Navratri Ghatspthana Muhurat: हिंदू धर्म नवरात्रि का महत्व है. नवरात्रि के नौ दिन मां भगवती के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इसकी शुरुआत घटस्थापना से की जाती है. कलश स्थापना से पहले इसे स्थापित करने की सही दिशा भी जान लें. 

 

chaitra navratri 2024

Navratri Ghatsthapana Direction: नवरात्रि साल में चार बार आती है जिसमें दो गुप्त नवरात्र कहलाते हैं. इस बार चैत्र की नवरात्रि 9 अप्रैल से है इसका समापन 17 अप्रैल को रामनवमी के साथ होगा. नवरात्रि की शुरुआत पहले दिन माता की चौकी की स्थापना या कलश स्थापना के साथ की जाती है. इस नौ दिन मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. 

पहले दिन घटस्थापना का विशेष महत्व होता है जिस दिन घटस्थापना के साथ मिट्टी के बर्तन में जौ भी बोई जाती है. हालांकि बहुत से लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि कलश स्थापना कैसे और किस दिशा में करना चाहिए. तो आइए जानते हैं कि नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कैसे और किस दिशा में करें. 

Shani Effect: 3 दिन बाद शनि खोलेंगे इन राशि वालों की बंद किस्मत, धन-दौलत भर देंगे खाली तिजोरी
 

कलश स्थापना में दिशा का महत्व

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते समय दिशा का बहुत महत्व होता है. इस दिन कलश स्थापना करते समय सही दिशा का ज्ञान होने से मात की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इससे व्रत का पूरा फल व्यक्ति को मिलता है.

किस दिशा में करें स्थापित

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते समय माता की चौकी को ईशाण कोण में लगाएं. ईशान कोण यानी घर की उत्तर-पूर्व दिशा. कहते हैं यहां ईश्वर का वास होता है. 

Budh Vakri 2024: 'मंगल' की राशि में वक्री हुए 'ग्रहों के राजकुमार', सुबह-शाम धड़ल्ले से नोट छापेंगे ये 4 राशि वाले
 

कलश स्थापना का मुहूर्त 2024

कलश स्थापना का मुहूर्त इस बार सुबह 6 बजकर 2 मिनट से शुरु होकर सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक है. 

कैसे करें कलश स्थापना

सबसे पहले एक लकड़ की चौकी रखें इसे गंगागल से पवित्र कर लें, अब इस पर लाल कपड़ा बिछाएं. अब माता की फोटो इसपर रखें. अखंड दीप प्रज्जवलित करके, फूल, फल, मिठाई आदि रखें. अब इसके बगल में कलश स्थापित करें. इसके लिए कलश में जल भरें अब इसके मुख पर आम के पतेत रखें इसके बाद नारियल पर लाल कपड़ा लपेटकर इसे कलावे से बांध लें और इसे कलश पर रख दें. अब कलश पर रोली से स्वास्तिक बना लें. कलश की पूजा के साथ व्रत का संकल्प लें और मां को अपने घर आमंत्रित करे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

Trending news