Devi Laxmi Puja: Friday को मां लक्ष्मी की करें पूजा, होती है धन संपदा की बरसात
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Devi Laxmi Puja: Friday को मां लक्ष्मी की करें पूजा, होती है धन संपदा की बरसात

माता लक्ष्मी (Devi Laxmi) हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं. वे भगवान विष्णु की पत्नी हैं. सनातन धर्म में शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा का खास महत्व माना जाता है. 

देवी लक्ष्मी

नई दिल्ली: माता लक्ष्मी (Devi Laxmi) हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं. वे भगवान विष्णु की पत्नी हैं. उन्हें धन सम्पदा, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.  

  1. शुक्रवार को होती है पूजा
  2. धन संपदा की होती है बरसात
  3. शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन का तरीका

शुक्रवार को होती है पूजा

सनातन धर्म में शुक्रवार (Friday) को मां लक्ष्मी का दिन माना गया है. कहते हैं कि इस दिन लक्ष्मी पूजन (Devi Laxmi Puja) करने से धन की प्राप्ति होती है. ऐसे में अगर आपके घर भी मां लक्ष्मी नहीं टिक रही हैं तो शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी का पूजन करें. ऐसा करने से व्यक्ति को दरिद्रता, दुर्बलता, कृपण, असंतुष्टिपन और  पिछड़ेपन से मुक्ति मिल जाती है.

धन संपदा की होती है बरसात

मान्यता है कि शुक्रवार को अगर पूरे विधि-विधान के साथ मां लक्ष्मी (Devi Laxmi) की पूजा की जाए तो व्यक्ति पर धन की वर्षा होती है. इस दिन लोगों को व्रत भी रखना चाहिए. इससे आपकी सारी मनोकामना पूर्ण हो सकती हैं. ऐसी मान्यता है कि शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करने से वह जातकों पर धन वर्षा करती हैं. 

शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन का तरीका

1. अगर आपके हाथों में पैसा नहीं रुकता और बहुत ज्यादा खर्च होता है तो ऐसी तस्वीर लगाएं जिसमें मां लक्ष्मी खड़ी हों और उनके हाथों से धन गिर रहा हो.
2. मां की तस्वीर के सामने दीया जलाएं.यह दीया हमेशा घी का ही होना चाहिए. 
3. मां लक्ष्मी को इत्र चढ़ाएं और उसी इत्र का नियमित प्रयोग करें.
4. अगर बेवजह धन का ज्यादा खर्च हो रहा है तो मां के चरणों में हर दिन एक रुपये का सिक्का अर्पित करें और उसे जमा कर महीने के अंत में किसी सौभाग्य की धनी स्त्री को दे दें.
5. मेष, सिंह और धनु राशि‍ के लोगों के लिए वरलक्ष्मी के स्वरूप की पूजा करनी चाहिए.

सही तरीके से करें आरती

अगर आप हर दिन मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन नहीं कर पा रहे हैं तो हर शुक्रवार मां लक्ष्मी की आरती का पाठ करें. ऐसा करने से आपके सारे पाप नाश हो जाएंगे और मां की कृपा प्राप्त होगी. जातक इस बात का ध्यान रखें कि मां लक्ष्मी की आरती का उच्चारण गलत ना हो क्योंकि गलत उच्चारण के साथ आरती गाने का फल प्राप्त नहीं होता.

ये है माता लक्ष्मी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुम को निश दिन सेवत, हर विष्णु विधाता….
ॐ जय लक्ष्मी माता
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता
जिस घर तुम रहती सब सद्‍गुण आता
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता

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पिछड़ेपन से मिल जाती है मुक्ति

मान्यता है कि गायत्री की एक किरण लक्ष्मी भी है. जो व्यक्ति इसे प्राप्त कर लेता है उसका जीवन सदा सुसम्पन्नों जैसी प्रसन्नताओं से भर जाता है. श्रद्धालुओं को शुक्रवार को मां लक्ष्मी (Devi Laxmi) का वृत भी रखना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और मुंहमांगा वरदान देती हैं.

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