Diwali 2022: छोटी दिवाली से लेकर भैया दूज तक इस तरह करें पूजा, हर परेशानी से मिलेगी मुक्ति
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Diwali 2022: छोटी दिवाली से लेकर भैया दूज तक इस तरह करें पूजा, हर परेशानी से मिलेगी मुक्ति

Diwali ke Upay: छोटी दिवाली से लेकर भैया दूज पर कुछ खास तरह से पूजा-पाठ और उपाय करने से घर की सभी परेशानी दूर होती हैं. मां लक्ष्मी का वास हमेशा बने रहता है. 

 

लक्ष्मी गणेश पूजा

Diwali Remedies: दीपावली के दिन रात्रि की समाप्ति से पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में घर की स्त्रियां घर के कोने-कोने में सूप को बजाते हुए या कुछ खट- खट करते हुए कहें कि हे अलक्ष्मी ! अब आप इस घर से चली जाओ, क्योंकि यहां पर मां लक्ष्मी का निवास हो गया है , ऐसा करने से उस घर में दिनों-दिन लक्ष्मी का भंडार बढ़ता जाता है. दीपावली के दिन विष्णु सहस्रनाम, लक्ष्मी सूक्त का पाठ अवश्य करें. लक्ष्मी पूजन के समय 11 कौड़ियों को गंगाजल से धोकर लक्ष्मी जी को अर्पण करें और उन पर हल्दी कुमकुम लगाएं. अगले दिन इन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें,  परिवार की आय में निश्चित रूप से वृद्धि होती है.

छोटी दिवाली 

इस बार छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी 23 अक्टूबर रविवार को है. इस दिन घर की नाली के पास दीपक जलाने से दरिद्रता दूर होती है. माना जाता है कि लक्ष्मी जी तेल में निवास करती हैं, इसलिए उस दिन शरीर में तेल लगाने से आर्थिक रूप से संपन्नता आती है. 

हनुमान चालीसा  

नरक चतुर्दशी के दिन ही राम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था. इस दिन जो 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ पूरे परिवार के साथ बैठकर करता है तो उसके परिवार से दुखों का अंत हो जाता है.

गोवर्धन पूजा 

यूं तो कार्तिक शुक्ल अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा में गोवर्धन पूजा होती है, किंतु इस बार उसी दिन सूर्यग्रहण होने से गोवर्धन पूजा का उत्सव नहीं मनाया जाएगा. निर्णय सागर पंचांग के अनुसार, सूर्य ग्रहण शाम को 4.31 बजे लगेगा और मोक्ष 5.57 बजे पर होगा. सूतक प्रातः 4 बजकर 31 मिनट पर लग जाएगा. ग्रहण काल में लोगों को मंत्रों का जाप करना चाहिए.

भैया दूज 

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में द्वितीया के दिन मनाए जाने वाले भैया दूज के साथ ही पंचदिवसीय दीपावली पर्व की पूर्णता होती है. इस बार भैया दूज 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाकर टीका कराने के साथ ही उन्हें भेंट देने के साथ ही उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. इसी दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे और टीका कराने के बाद आशीर्वाद दिया था. इसी दिन कलम दवात के साथ यमराज के सहयोगी भगवान चित्रगुप्त का पूजन भी किया जाता है.

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