घर में इस जगह पर भूलकर भी न बनाएं बाथरूम, जानें किस दिशा में क्या रखना है शुभ
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घर में इस जगह पर भूलकर भी न बनाएं बाथरूम, जानें किस दिशा में क्या रखना है शुभ

घर की दिशा और घर में रखी वस्तुओं का परिवार पर गहरा असर होता है. वास्तु के मुताबिक अगर घर में रखी वस्तुएं सही दिशा में है तो इसका घर पर पॅाजिटिव असर होता है. वहीं अगर घर में रखी वस्तुओं की दिशा सही नहीं है तो इसका नकारात्मक असर होता है.

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र में दिशाओं को खास महत्व दिया गया है. घर की दिशा और घर में रखी वस्तुओं का परिवार पर गहरा असर होता है. वास्तु के मुताबिक अगर घर में रखी वस्तुएं सही दिशा में है तो इसका घर पर पॅाजिटिव असर होता है. वहीं अगर घर में रखी वस्तुओं की दिशा सही नहीं है तो इसका नकारात्मक असर होता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक अलग-अलग दिशाओं के देवता भी अलग-अलग होते हैं. वास्तु के मुताबिक जानते हैं कि घर में किस दिशा में क्या होना घर-परिवार के लिए सही होता है. 

  1. दक्षिण-पूरब में रसोई बनाना है शुभ
  2. वायव्य कोण में नहीं होनी चाहिए गंदगी
  3. ईशान कोण का है जल तत्व से संबंध

पूरब (East)

वास्तु में पूरब का संबंध अग्नि तत्व से माना गया है. इस दिशा के देवता इंद्र हैं. पूरब दिशा सोने और पढ़ाई करने लिए शुभ है. घर के अंदर इस दिशा में एक खिड़की अवश्य होनी चाहिए. ताकि सूर्य की रोशनी से घर में सकारात्मक ऊर्जा बरकरार रहे. 

पश्चिम (West)

वास्तु के मुताबिक पश्चिम दिशा का संबंध वायु तत्व से रहता है. इस दिशा के देवता वरुणदेव माने गए हैं. वास्तु अनुसार पश्चिम दिशा में किचन यानि रसोईघर नहीं होना चाहिए. 

उत्तर (North)

वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा को जल तत्व से संबंधित माना जाता है. इसके अलावा इस दिशा के देवता कुबेर देव हैं. उत्तर दिशा में घर का मंदिर रख सकते हैं या बनवा सकते हैं. घर का मेन गेट भी दिशा में रखना उचित माना गया है. 

दक्षिण (South)

दक्षिण दिशा पृथ्वी तत्व से संबंधित है. इस दिशा के स्वामी यम  देव हैं. वास्तु मुताबिक घर के इस दिशा में भारी सामान रख सकते हैं. 

उत्तर-पूरब (North East)

उत्तर और पूरब की दिशा को ईशान कोण कहा जाता है. ईशान कोण का संबंध जल तत्व से होता है. इस कोण के देवता रुद्र हैं. वास्तु मुताबिक दिशा कोण में बाथरूम नहीं होना चाहिए. पूजा-पाठ या पूजा घर के लिए इस कोण का इस्तेमाल बेहतर माना गया है. 

उत्तर-पश्चिम (North West)

उत्तर और पश्चिम दिशा को वायव्य कोण कहा जाता है. वायव्य कोण वायु तत्व का कोण है.  इस कोण के स्वामी पवनदेव हैं. इस कोण में बेडरूम बनवाया जा सकता है. वहीं इस कोण में कबाड़ या गंदगी नहीं होनी चाहिए. 

दक्षिण-पूरब (South East)

दक्षिण और पूरब की दिशा अग्नि कोण कहलाती है. इस कोण में रसोईघर बनाना बहुत शुभ माना जाता है. इसके अलावा यह कोण अग्नि से संबंधित है. इस कोण के स्वामी अग्निदेव हैं. 

दक्षिण-पश्चिम (South West)

दक्षिण और पश्चिम की दिशा को नैऋत्य कोण कहा जाता है. इस कोण का संबंध पृथ्वी तत्व से है. इस कोण के स्वामी राहु हैं. इस कोण में भी भारी सामान रखा जा सकता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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