गुरुवार को रमजान के महीने का आखिरी दिन है. यानी शुक्रवार 14 मई को ईद मनाई जाएगी. हालांकि कोरोना महामारी के चलते इस बार भी जामा मस्जिद के इमाम ने लोगों को घरों से नमाज पढ़ने की सलाह दी है.
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) समेत देश के किसी भी हिस्से में बुधवार को ईद का चांद नजर नहीं आया है, इसलिए ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) का त्यौहार शुक्रवार को मनाया जाएगा. यानी गुरुवार को 30वां और आखिरी रोजा (Last Roza 2021) होगा.
फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने बताया कि, 'बुधवार को देशभर में कहीं भी ईद का चांद नजर नहीं आया है. इसलिए ईद का त्यौहार शुक्रवार 14 मई को मनाया जाएगा. यानी गुरुवार को 30वां रोजा होगा और शव्वाल (इस्लामी कलेंडर का 10वां माह) की पहली तारीख शुक्रवार को होगी. आपको बता दें कि शव्वाल के महीने के पहले दिन ईद होती है.
वहीं जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कहीं से भी चांद दिखने की कोई खबर नहीं है. अब ईद 14 मई शुक्रवार के दिन होगी और मैं आपको ईद की मुबारकबाद पेश करता हूं.
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दरअअसल, मुसलमानों के लिए अभी इस्लामी कलेंडर का नौवां महीना रमजान (Ramadan) चल रहा है, जिसमें समुदाय के लोग रोजा यानी व्रत रखते हैं. रमजान के महीने में रोजेदार सुबह सूरज निकलने से पहले से लेकर सूरज डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं. यह महीना ईद का चांद नजर आने के साथ खत्म होता है.
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इससे पहले जामा मस्जिद के शाही इमाम ने मुसलमानों से अपील की है कि वे कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए ईद की नमाज घर में ही पढ़ी जाए तो बेहतर है. रमजान में हमने घरों में रहकर इबादत की. पिछले साल हमने घरों में ही ईद की नमाज अदा की थी. बीमारी का डर अब भी मौजूद है तथा संक्रमण बहुत ज्यादा है. लिहाजा सभी लोगों से अपील करूंगा कि ईद वाले दिन भी मस्जिद की तरफ न आएं बल्कि घरों में ही इबादत करें. शरीयत में इसकी इजाजत मौजूद है.'
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