चार धामों के शीतकालीन कपाट बंद होने की तारीख-समय घोषित, जानिए क्या निकला है मुहूर्त
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चार धामों के शीतकालीन कपाट बंद होने की तारीख-समय घोषित, जानिए क्या निकला है मुहूर्त

उत्तराखंड में चार धामों ( Char Dham) समेत अन्य धार्मिक स्थलों के कपाट बंद शीतकाल के लिए बंद होने की तारीख और समय घोषित हो गया है.

फाइल फोटो

रूद्रप्रयाग: उत्तराखंड में चार धामों ( Char Dham) समेत अन्य धार्मिक स्थलों के कपाट बंद शीतकाल के लिए बंद होने की तारीख और समय घोषित हो गया है. तीर्थ-पुरोहितों और देवस्थानम बोर्ड ( Devasthanam board) के अधिकारियों ने मिलकर रविवार को इन तारीखों की घोषणा की. 

  1. चार धामों के शीतकालीन कपाट बंद होने की तारीख घोषित
  2. श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे
  3. श्री केदारनाथ धाम की डोली 16 नवंबर को रवाना होगी

श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे
उत्तराखंड के देवस्थान बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी के मुताबिक श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19  नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर  शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. श्री केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर 16 नवंबर को  प्रात: 8.30 बजे बंद होंगे. यमुनोत्री धाम के कपाट भी भैयादूज के अवसर पर 16 नवंबर को पूर्वाह्न में बजे बंद हो जाएंगे. वहीं गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 15 नवंबर को पूर्वाह्न में शीतकाल के लिए बंद होंगे. 

चार धामों के कपाट बंद होने की तारीख और समय
श्री बदरीनाथ धाम - 19 नवंबर को शाम 3. 35 बजे 
श्री केदारनाथ धाम - 16 नवंबर को प्रात: 8.30 बजे 
श्री यमुनोत्री धाम -  16 नवंबर को पूर्वाह्न में 
श्री गंगोत्री धाम -    15 नवंबर को पूर्वाह्न में
द्वितीय केदार मदमहेश्वर- 19 नवंबर को प्रात: 7  बजे 
तृतीय केदार तुंगनाथ - 4 नवंबर को 11.30 बजे ध
मद महेश्वर मेला -  22  नवंबर को

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श्री केदारनाथ धाम की डोली 16 नवंबर को रवाना होगी
भगवान केदारनाथ के कपाट 16 नवंबर को बंद होने के बाद डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी और दूसरा रात्रि प्रवास गुप्तकाशी में होगी. इसके बाद डोली 18 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचेगी. यहां पर पहले से मौजूद भक्त डोली का स्वागत करेंगे. वहीं द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 19 नवंबर को प्रातः 7 बजकर 30 मिनट पर बंद किए जाएंगे. डोली का प्रथम रात्रि प्रवास गौंडार में होगा. इसके बाद डोली 20 नवंबर को रांसीए, 21 नवंबर को गिरिया और 22 को उखीमठ पहुंचेगी. उसी दिन एक दिवसीय मेले का आयोजन होगा. इससे पहले यह मेला तीन दिवसीय हुआ करना था. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण मेले को एक दिवसीय किया गया है. तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर को 11 बजकर 30 मिनट पर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जायेंगे.

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