गुरुद्वारा बंगला साहिब में अरदास से पूरी होगी मन्नत, यहां का सरोवर भी चमत्कारी
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गुरुद्वारा बंगला साहिब में अरदास से पूरी होगी मन्नत, यहां का सरोवर भी चमत्कारी

कोरोन काल में गुरुद्वारे में आ रहे श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम हैं, परिसर में सैनेटाइजेशन टनल है. जो श्रद्धालु बिना मास्क के गुरुस्थान में आते हैं, उन्हे मास्क दिया जाता है. सेवादार सोशल डिस्टेनसिंग का पालन कराने में भी सहयोग करते हैं. 

दिल्ली की महामारी दूर करने में इस गुरुस्थान की भूमिका रही है....

नई दिल्ली : ज़ी आध्यात्म की विशेष पेशकश में आज वर्णन दिल्ली स्थित एक मशहूर गुरू स्थान का जहां लाखों श्रद्धालु अपनी मुराद पूरी होने की आस में आते हैं. बात गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब की जिसका अपना गौरवशाली इतिहास है. बंगला साहिब दिल्ली के सबसे प्रमुख सिख गुरुद्वारों में से एक है. गुरू के स्थान में अंदर जाते ही शांति की अनुभूति होती है. गुरुद्वारे का गुंबद सोने का है.

'गुरु मानियो ग्रंथ'
सिख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र  स्थान है. 'सिख' शब्द की उत्पत्ति 'शिष्य' से हई है, जिसका अर्थ गुरुनानक के शिष्य से अर्थात् उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वालों से है. गुरुनानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु और प्रवर्तक हैं. उन्होंने 15वीं शताब्दी में सिख धर्म की स्थापना की थी. सिख धर्म में नानक जी के बाद नौ गुरु और हुए. सिख गुरु श्री गोबिन्द सिंह ने गुरु प्रथा समाप्त कर गुरु ग्रंथ साहिब को ही एकमात्र गुरु मान लिया था. 

महामारी से रक्षा
बताया जाता है जिस जगह पर गुरुवार  बंगला साहिब की स्थापना हुई थी ये हिन्दू राजा जय सिंह का बंगला था. 17वीं सदी में जब सिखों के 8वें गुरु हर किशन महाराज 1664 में दिल्ली में रहते समय यहाँ रुके थे. इस समय, चेचक और हैजा की बीमारी से लोग पीड़ित थे और गुरु हर कृष्ण ने बीमारी से पीड़ित लोगो की सहायता उनका इलाज कर और उन्हें शुद्ध पानी पिलाकर की थी. जल्द ही उन्हें भी बीमारियों ने घेर लिया था और अचानक 30 मार्च 1664 को उन्होने अपना भौतिक शरीर छोड़ दिया था.

चमत्कारी सरोवर
गुरुद्वारे में स्थित सरोवर का पानी अमृत के समान चमत्कारी माना जाता है. इस गुरुद्वारे की ऐसी मान्यता है कि बड़े से बड़े रोग और कष्ट यहां आकर दूर हो जाते हैं यही वजह है कि दूर दूर से हजारों श्रद्धालु अपने कष्टों से मुक्ति पाने यहां आते हैं.

दर्शन का समय
बंगला साहिब गुरुद्वारा दिल्ली के कनॉट प्लेस पर स्थित है. यह गोल डाक खाना के पास है. यहां का नजदीकी मेट्रो स्टेशन राजीव चौक मेट्रो स्टेशन या पटेल चौक मेट्रो स्टेशन है. आप शिवाजी स्टेडियम स्टेशन से एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो भी ले सकते हैं. गुरू साहिबान के इस पवित्र स्थान में आप सुबह 05:00 AM से रात 12: 00 AM बजे के बीच बंगला साहिब में दर्शन कर सकते हैं.  

आप की अरदास
बंगला साहिब में निशान साहिब की परिक्रमा कर श्रद्धालु मन्नत मांगते है. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है. सुखमनी साहिब जी का पाठ होने के बाद अरदास होती है. गुरुद्वारे में नाम जप और कीर्तन चलता रहता है.

कोरोना काल में इंतजाम
कोरोन काल में गुरुद्वारे में आ रहे श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम हैं, परिसर में सैनेटाइजेशन टनल है. जो श्रद्धालु बिना मास्क के गुरुस्थान में आते हैं, उन्हे मास्क दिया जाता है. सेवादार सोशल डिस्टेनसिंग का पालन कराने में भी सहयोग करते हैं. 

लाखों लोगों का लंगर
बंगला साहिब में गुरूद्वारे के साथ-साथ एक रसोईघर, बड़ा तालाबं एक स्कूल और एक आर्ट गैलरी भी है. गुरुद्वारे में सुबह से शाम तक लगातार लंगर चलता है जहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु भर पेट भोजन के रुप में गुरु का प्रसाद खाते हैं. रविवार को एक लाख से ज्यादा लोग आते हैं. प्रसाद पूरी दिल्ली के जरुरत मंदों तक पहुंचाया जाता है.

परिसर में घर, हायर सेकेंडरी स्कूल, बाबा बघेल सिंह म्यूजियम, एक लाइब्रेरी और एक अस्पताल भी है. यहां मल्टी-लेवल पार्किंग का भी इंतजाम है. 

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