सुख-समृद्धि चाहिए तो आज ही दूर करें अपने घर के ये वास्तुदोष
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सुख-समृद्धि चाहिए तो आज ही दूर करें अपने घर के ये वास्तुदोष

कई बार जाने-अनजाने हमारे घर में ऐसे वास्तुदोष (Vastu Dosha) हो जाते हैं,  जिनकी वजह से हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ जाता है. उन वास्तु दोषों को दूर करते ही हमारा चतुर्मुखी विकास होता है और घर में सुख-समृद्धि और शांति का संचार होता है.

घर से दूर करें वास्तुदोष

नई दिल्ली: हमारा शरीर पंचतत्वों यानी पृथ्वी, आकाश, अग्नि, वायु और जल से मिलकर बना हुआ है. मानव जीवन में इन पांच तत्वों का पूरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में इन पांचों तत्वों को संतुलित करना जरूरी हो जाता है. आइए जानते हैं कि घर की नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) को बढ़ाने के लिए वास्तु (Vastu) की वे कौन सी बातें हैं, जिनका हमें हमेशा ख्याल रखना चाहिए.

  1. हमारा शरीर पंचतत्वों यानी पृथ्वी, आकाश, अग्नि, वायु और जल से मिलकर बना हुआ है
  2. कई बार जाने-अनजाने हमारे घर में ऐसे वास्तुदोष हो जाते हैं
  3. उन वास्तु दोषों को दूर करते ही हमारा चतुर्मुखी विकास होता है

दूर करें ये वास्तुदोष
कई बार जाने-अनजाने हमारे घर में ऐसे वास्तुदोष (Vastu Dosha) हो जाते हैं,  जिनकी वजह से हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ जाता है. अगर आपकी जिंदगी में भी कुछ दिक्कत आ रही है तो उसकी एक वजह घर का वास्तुदोष भी हो सकता है. उन वास्तु दोषों को दूर करते ही हमारा चतुर्मुखी विकास होता है और घर में सुख-समृद्धि और शांति का संचार होता है.

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1. मुख्य द्वार पर जितने भी अवरोध हैं, उनको यथासंभव दूर करने का प्रयास करें. घर में एक ही सीध में तीन दरवाजे वास्तुदोष उत्पन्न करते हैं. ध्यान रहे कि मुख्य द्वार के सामने टॉयलेट या शीशा न हो.

2. घर में शीशा पूर्व या उत्तर दिशा में ही लगाएं. यदि बेडरूम में शीशा हो तो उसे ऐसे स्थान पर रखें, जहां से सोते समय आपका पलंग उसमें न दिखाई दे. यह भी ध्यान रखें कि न तो दरवाजे के ऊपर कैलेंडर लगा हो और न ही दरवाजे की ओर पीठ करके बैठें.

3. बीम के नीचे न तो खाना खाएं और न ही बैठकर पढ़ाई करें. बच्चों के स्टडी रूम में खंभे नहीं होने चाहिए. बीम से जुड़े वास्तुदोष को दूर करने के लिए वहां पर बांसुरी टांग दें.

4. घर में प्रत्येक जगह पर देवी-देवताओं के कैलेंडर, मूर्ति आदि न लगाएं. इसके लिए उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण का स्थान सुनिश्चित करें. पूजा घर में ईश्वर की मूर्ति और चित्रों के साथ पितरों का चित्र न लगाएं. ध्यान रहे कि पूजा करते समय आपका मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रहे.

5. घर के किसी भी कोने में हिंसक चित्र न लगाएं और न ही नुकीली चीज को खुला रखें. घर में हमेशा खुशियां और समृद्धि आदि का आभास कराने वाले चित्र लगाएं. प्लास्टिक या कागज के के फूलों के बजाय ताजे फूलों का ही प्रयोग करें.

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6. घर में दूध वाले और कांटे वाले पौधे न लगाएं. इसी तरह घर के सूखे फूल और मुरझाई पत्तियों को समय-समय पर घर से निकालते रहें. इन्हें इकट्ठा करके न रखें.

7. घर की अलमारियों को कभी भी खुला न रखें. यदि उनको खोलते समय आवाज आती हो तो उनमें तेल डालकर उनका वास्तुदोष तुरंत दूर करें.

8. सीढ़ियों के नीचे भूलकर भी बेडरूम, स्टडी रूम, स्टोर, बाथरूम, किचन या पूजाघर न बनाएं.

9. घर में झाड़ू हमेशा छिपा कर रखें और समय-समय पर नमक मिलाकर पोंछा लगाएं.

10. घर में बंद पड़ी घड़ियां और खराब समान कभी भी न रखें.

11. प्रतिदिन भगवान को भोग लगाएं. भोजन में से गाय और कुत्ते के लिए ग्रास निकालें.

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