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नई दिल्ली: घर खरीदते समय या बनवाते समय लोग कमरों-किचन आदि की दिशा का ध्यान रखते हैं. गृह प्रवेश (Grah Pravesh) के समय वास्तु पूजा (Vastu Puja) करवाते हैं, घर के अंदर रखी चीजों को भी सही जगह पर रखने के नियमों का पालन करते हैं. हालांकि इन सभी बातों के बीच वे यह जानने की कोशिश नहीं करते हैं कि उनका घर किस जगह पर बना हुआ है. जबकि घर बनाने की जमीन (Land of House) ही सही नहीं होगी या उसमें नकारात्मक ऊर्जा होगी तो तमाम वास्तु उपायों (Vastu Upay) के बाद भी घर में शांति-खुशहाली नहीं रह सकती है.
जमीन के शुभ-अशुभ या पॉजिटिव-निगेटिव एनर्जी (Positive-Nagetive Energy) वाला होने का संबंध केवल बंगला या घर बनाने से नहीं है, बल्कि फ्लैट खरीदते समय भी जमीन के इन पहलुओं की जांच करना बहुत अहम होता है.
-घर बनाने से पहले यह जरूर जान लें कि कहीं उस जगह पर पहले कब्रिस्तान (Cemetery) तो नहीं था. यदि ऐसा हो तो वहां घर न लें.
- फ्लैट लेते समय भी जमीन के बारे में पता करें कि उस जमीन पर पहले कभी कब्रिस्तान न रहा हो, यदि ऐसा हो तो 3 मंजिल से ऊपर जाकर ही फ्लैट लें. इतनी ऊंचाई पर फ्लैट लेने से जमीन की पूर्व स्थिति या नकारात्मक ऊर्जा का असर खत्म हो जाता है.
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- घर बनवा रहे हों तो हमेशा उसका नक्शा वास्तु के नियमों के अनुरूप ही बनवाएं. जैसे किचर आग्नेय कोण में हो. वहीं बाथरूम-टॉयलेट दक्षिण-पश्चिम में हों. पूजा घर ईशान कोण में हो.
- कोशिश करें कि बेडरूम पूर्व-दक्षिण दिशा में न हो. वहीं दक्षिण-पश्चिम दिशा में बेडरूम का होना अच्छा होता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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