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नई दिल्ली: कल यानी कि 10 जून, गुरुवार का दिन कई मायनों में खास है. इस दिन अमावस्या, सूर्य-ग्रहण और शनि जयंती एक साथ हैं. ऐसे में इस दिन दान-धर्म करने से बहुत लाभ होगा. वहीं ज्योतिष के अनुसार ज्येष्ठ महीने (Jyestha Month) की अमावस्या विशेष फल देने वाली होती है. धार्मिक मान्यता है कि इस अमावस्या (Amavasya) को पितरों के लिए श्राद्ध किया जाता है. साथ ही शनि जयंती होने के कारण इस दिन शनि दोष से बचने के उपाय भी किए जाते हैं.
किसी भी महीने की अमावस्या यदि गुरुवार को पड़ती है तो उसे गुरुवारी अमावस्या (Guruvari Amavasya) कहते हैं. 10 जून को पड़ रही ज्येष्ठ महीने की अमावस्या का वैसे ही बहुत महत्व होता है, उस पर इसका गुरुवार के दिन पड़ना विशेष है. गुरुवारी अमावस्या बहुत शुभ होती है. इस दिन किए गए व्रत-पूजन-दान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. अब अगली गुरुवारी अमावस्या 4 नवंबर को है.
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- सूर्योदय से पहले उठकर पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान करें.
- यदि व्रत कर रहे हैं तो स्नान के बाद व्रत और दान का संकल्प लें.
- घर में साफ-सफाई के बाद गंगाजल का छिड़काव करें.
- सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और पेड़ की 108 परिक्रमा करें. इससे गरीबी खत्म होती है.
- अमावस्या के दिन जितना भी हो सके दान जरूर करें.
अमावस्या के दिन तामसिक भोजन यानी नॉनवेज, लहसुन-प्याज न खाएं. शराब से भी दूर रहें. वरना नुकसान हो सकता है. इसके अलावा इस दिन पति-पत्नी संयम बरतें.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)