Banke Bihari Temple: कामदा एकादशी पर इस रूप में दर्शन देंगे बांके बिहारी, हरियाली अमावस्या तक चलेगी ये परंपरा
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Banke Bihari Temple: कामदा एकादशी पर इस रूप में दर्शन देंगे बांके बिहारी, हरियाली अमावस्या तक चलेगी ये परंपरा

Phool Bungalow In Vrindavan: हिंदू धर्म में कामदा एकादशी का बहुत बड़ा महत्व है. वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी में भक्तों को 19 अप्रैल से भगवान के अद्भुत रूप के दर्शन करने को मिलेंगे. इस दौरान भक्त बांके बिहारी फूल बंगला रूप में दर्शन देते हैं. आइए विस्तार में बांके बिहारी के इस फूल बंगला रूप के महत्व के बारे में जानें.

 

banke bihari temple

Kamada Ekadashi 2024: 19 अप्रैल शुक्रवार के दिन कामदा एकादशी है. जिसका हिंदू धर्म में बहुत बड़ा महत्व है. दरअसल इसी दिन से वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी के अद्भुत रूप के दर्शन करने को मिलते हैं. बांके बिहारी के इस दिव्य रूप के लिए देश और विदेशों से फूलों को मंगाया जाता है. गर्मी के दौरान बांके बिहारी के इस दिव्य रूप के दर्शन 4 महीने तक करने को मिल सकते हैं. 

फूल बंगला से बांके बिहारी को गर्मी के दौरान शीतलता प्रदान करने की कोशिश की जाती है. बता दें कि फूल बंगला की यह सजावट हरियाली अमावस तक चलेगी. सुबह में राजभोग और शाम के समय शयन भोग सेवा के दौरान बांके बिहारी को अलग अलग प्रकार के फूल बंगला में विराजे जाता है. चलिए विस्तार में इस फूल बंगला के महत्व के बारे में जानें.

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कैसे हुई फूल बंगले की शुरुआत

बता दें कि फूल बंगला के परंपरा की शुरुआत ठाकुर बांकेबिहारी के प्राकट्य कर्ता स्वामी हरिदास द्वारा किया गया था. स्वामीजी ने गर्मी के दिनों में बांके बिहारी को शीतलता प्रदान करने के लिए उन्हें फूलों और पत्तियों से सजाना शुरू किया. उनकी इस परंपरा को उनके अनुयायी आज भी निभा रहे हैं. लेकिन आज के समय में फूल बंगला का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है. आधुनिकता और विदेशी फूलों ने बांके बिहारी के दिव्य रूप को और भी भव्य बना दिया है.

अक्षय तृतीया में नहीं होती फूल बंगला की सजावट

बता दें कि अक्षय तृतीया के दिन यहां पर फूल बंगला की सजावट नहीं होती है. इस दौरान वह भक्तों को  ठाकुरजी गर्भगृह में केवल चरण दर्शन देते हैं. अक्षय तृतीया के दिन ठाकुर जी के चरणों में चंदन का लड्डू अर्पित करते हैं.

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फूल बंगला की सजावट में लगता है 4 घंटे का समय

ठाकुर जी को इस दौरान प्रतिदिन फूलों के अलग अलग डिजाइन से सजावट किया जाता है. दोपहर के समय जब पट बंद होता है तो इन चार घंटों में कारीगर इसकी सजावट करते हैं.

इन फूलों का होता है अधिक प्रयोग

ठाकुर जी को इस दौरान बड़े ही कलात्मक रूप से तैयार किए गए फूल बंगला में विराजमान किया जाता है. बड़े बंगला में दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद, कोलकाता और बंगलुरु से फूलों को मंगवाकर सजावट की जाती है. इसमें सबसे ज्यादा रायबेल के फूलों का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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