Navratri Kanya Pujan: कन्‍या पूजन के दिन ना करें ये गलतियां, बनेंगे पाप के भागीदार
Advertisement
trendingNow12204815

Navratri Kanya Pujan: कन्‍या पूजन के दिन ना करें ये गलतियां, बनेंगे पाप के भागीदार

Kanya Pujan kab hai 2024: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने का बड़ा महत्व है. कन्या पूजन के बिना नवरात्रि व्रत-पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है. ध्‍यान रहे कि कन्‍या पूजन में गलतियां नहीं करनी चाहिए. 

Navratri Kanya Pujan: कन्‍या पूजन के दिन ना करें ये गलतियां, बनेंगे पाप के भागीदार

Kanya Pujan Vidhi: नवरात्रि के 9 दिनों में मातारानी की पूजा-आराधना की जाती है, व्रत किए जाते हैं. लेकिन नवरात्रि की ये व्रत-पूजा तभी पूरी मानी जाती है जब आखिरी दिन हवन और कन्‍या-पूजन किया जाए. कन्या पूजन करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पूरे परिवार पर माता की कृपा बनी रहती है. कन्‍या पूजन अष्‍टमी और नवमी तिथि के दिन किया जाता है. जो लोग अष्‍टमी के दिन हवन करते हैं, वे अष्‍टमी को कन्‍या पूजन भी करते हैं. वहीं जो भक्‍त नवमी के दिन हवन करते हैं, वे नवमी के दिन कन्‍या पूजन करते हैं. कन्‍या पूजन सही विधि से करना जरूरी है, तभी इसका पूरा फल मिलता है. वरना कन्‍या पूजन में की गईं गलतियां पाप का भागीदार बना सकती हैं. मां दुर्गा की नाराजगी बहुत नुकसान पहुंचा सकती है. 

नवरात्रि कन्‍या पूजन में इन बातों का रखें ध्‍यान 

- कन्‍या पूजन के लिए 2 से 9 वर्ष तक की कन्‍याओं को आमंत्रित करें. एक दिन पहले ही न्‍यौता दे दें.  

- कन्‍या पूजन का भोजन पूरी पवित्रता के साथ तैयार करें. बिना नहाए या गंदे कपड़े पहनकर भोजन ना बनाएं. कन्‍या भोजन के लिए खीर, पूरी, हलवा, चने बनाएं और फिर मातारानी को भोग लगाने के बाद कन्‍याओं को सम्‍मानपूर्वक भोजन कराएं. 

- नवरात्रि पर कन्‍याओं को जिस जगह बैठाकर भोजन करा रहे हैं, उस जगह की अच्‍छी तरह साफ-सफाई कर लें. गंदे या अपवित्र स्‍थान पर कन्‍याओं को ना बैठाएं. 

- कन्‍याओं पर ना तो गुस्‍सा करें, ना उन्‍हें डांटें या अपमान करें. कन्‍याओं के साथ अच्‍छा व्‍यवहा करें. उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें, तभी मातारानी प्रसन्‍न होंगी. 

- कन्‍या पूजन का जरूरी अंग है कन्‍याओं के पैर धुलाना, पैर पोछना. उन्‍हें आसन पर बिठाना और फिर उनका तिलक लगाकर, चुनरी ओढ़ाकर पूजा करना. उन्‍हें भेंट में पैसे और श्रृंगार सामग्री देना. 

- तिलक और पूजन करते समय कन्याओं का मुंह उत्तर-पूर्व दिशा यानी कि ईशान कोण की ओर ही हो. ऐसा करने से शुभ फल मिलता है. 

- कन्या पूजन में बटुक को भोजन कराने का भी बड़ा महत्‍व है. लिहाजा 9 कन्‍याओं के साथ एक बटुक (छोटा लड़का) जरूर बुलाएं. इस बालक को भैरव का रूप माना जाता है.

- कन्‍याओं को अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार भेंट या दक्षिणा जरूर दें. बिना भेंट के कन्‍या पूजन पूरा नहीं होता है. साथ ही कन्‍याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें. 

कन्‍या पूजन मुहूर्त 

इस बार नवमी के दिन कन्या पूजन के लिए 2 शुभ मुहूर्त हैं. 17 अप्रैल को कन्‍या पूजन के लिए पहला मुहूर्त सुबह 7.51 बजे से सुबह 10.41 बजे तक और दूसरा मुहूर्त सुबह 11.55 बजे से दोपहर 12.47  बजे तक है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news