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नई दिल्ली: 25 जुलाई से सावन का महीना (Sawan Month) शुरू होने जा रहा है. भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित इस महीने में उनकी पूरे भक्ति-भाव से पूजा की जाती है. मंदिरों और घरों में रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) होते हैं. कई लोग रोजाना शिवलिंग पर जल, पंचामृत चढ़ाते हैं और इसी के साथ भगवान शिव को बिल्व पत्र भी चढ़ाते हैं. भगवान शंकर को यह पत्ते बहुत प्रिय हैं. सावन महीना शुरू होने से पहले जानते हैं कि महादेव को क्या प्रिय है और क्या अप्रिय है. ताकि आप भगवान को उनकी प्रिय चीजें अर्पित कर सकें और उनकी कृपा पा सकें. साथ ही शिव जी को ये चीजें क्यों पसंद हैं, इसके पीछे का कारण भी जानते हैं.
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दूध: भगवान शिव को दूध चढ़ाने के पीछे का कारण समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है. दरअसल, मंथन में निकले विष को जब भगवान शिव ने ग्रहण किया तो विष के कारण उनका शरीर जलने लगा. उस वक्त देवी-देवताओं ने उनसे दूध पीने का आग्रह किया और दूध पीते ही शिव जी के शरीर की जलन खत्म हो गई. इसीलिए शिव जी को दूध बहुत प्रिय है और उनका अभिषेक दूध से किया जाता है.
बेलपत्र: भगवान शिव का अभिषेक-पूजा करते समय बेलपत्र जरूर चढ़ाया जाता है. इसके अलावा शिव जी को धतूरा, चंदन, केसर, भांग, इत्र, अक्षत, शक्कर, दही, घी, शहद, गंगाजल, गन्ने का रस भी चढ़ाया जाता है. ये सभी चीजें शिव जी को बहुत प्रिय हैं.
कनेर का फूल: कनेर का फूल शिवजी को बहुत प्रिय है. कहते हैं इस पूरे महीने शिव जी को यह फूल चढ़ाने से भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इसके अलावा उन्हें आक के फूल अर्पित करना भी बहुत अच्छा होता है.
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भगवान शिव की पूजा-अभिषेक के दौरान कुछ चीजें अर्पित करने को वर्जित बताया गया है. इसमें तुलसी के पत्ते, केतकी और केवड़े का फूल शामिल हैं. इसके अलावा कभी भी शंकर जी की पूजा में शंख ना तो बजाना चाहिए और ना ही कहीं उपयोग करना चाहिए. इसी तरह शिव जी को केवल चंदन चढ़ाएं, उन्हें रोली कभी नहीं लगाई जाती है. शिव जी को नारियल या नारियल पानी भी नहीं चढ़ाना चाहिए.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)