Ganesh Ji: किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले क्यों किया जाता है गणेश पूजन? बेहद दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी
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Ganesh Ji: किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले क्यों किया जाता है गणेश पूजन? बेहद दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

Ganesh Katha: सनातान धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है. किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा करने से सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं. जानें आखिर क्यों की जाती है गणेश जी की पूजा. 

 

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Pratham Pujniya Ganesh Ji: हिंदू धर्म शास्त्रों में सभी देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. बता दें कि इनमें गणेश जी को प्रथम पूजनीय का स्थान प्राप्त है. किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी का आह्वान किया जाता ताकि सभी कार्य निर्विघ्न पूरे किए जा सकें. धार्मिक मान्यता है कि किसी भी कार्य की शुरुआत करने से पहले गणेश जी की पूजा करने से कार्यों में बाधाएं नहीं आती और उसमें सफलता हासिल होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं गणेश जी को प्रथन पूजनीय क्यों माना गया है. जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा.   

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इसलिए की जाती है गणेश जी की पूजा

पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी-देवताओं में विवाद हुआ की आखिर सबसे पहले किसकी पूजा करनी चाहिए. इस विवाद से सब देवी-देवता अपने आप को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे. विवाद को देखकर नारद जी ने सभी देवी-देवताओं को भगवान शिव के पास जाने की सलाह दी. 

आयोजित की गई प्रतियोगिता

सभी देवी-देवताओं ने अपनी बात भगवान शिव को बताई तो भगवान शिव ने एक प्रतियोगिता आयोजित की. भगवान शिव ने सभी देवताओं को अपने वाहन से ब्रह्मांड का चक्कर लगाने को कहा. जो भी सबसे पहले ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाकर आएगा उसे ही धरती पर सबसे पहले पूजा जाएगा.

सोच-विचार करने लगे गणेश जी

भगवान शिव की इस प्रतियोगिता को सुनकर सभी देवी-देवता अपने वाहन लेकर ब्रह्मांड की परिक्रमा के लिए निकल गए. वहीं, गणेश जी का वाहन चुहा था. चुहा छोटा सा होता है और गती बहुत धीमी होती है, इसको देखकर गणेश जी सोच विचार करने लगे. उन्होंने ब्रह्मांड की परिक्रमा लगाने की जगह अपने माता पिता यानी भगवान शिव और माता पार्वती की सात बार परिक्रमा लगाई और हाथ जोड़कर उनके सामने खड़े हो गए.

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इसलिए कहते हैं प्रथम पूजनीय 

कुछ समय बाद जब सभी देवी-देवता परिक्रमा लगाकर वापस लौटे तो गणेश जी वहीं मौजूद थे. गणेश जी को देखकर सब हैरान हो गए की चूहा सवारी होने के बाद भी वो सबसे पहले कैसे आ गए. भगवान शिव ने भी गणेश जी को प्रतियोगिता को विजयी घोषित कर दिया. इसके बाद भगवान शिव ने बताया कि माता-पिता को ब्रह्माण्ड में सर्वोच्च स्थान दिया गया है. इसी कारण पुत्र गणेश ने ब्रह्मांड की जगह अपने माता पिता की परिक्रमा की. भगवान शिव की बात सुनकर सब सहमत हुए और तब से गणेश जी को सबसे पहले पूजा जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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