Kumbh Mela 2021: कुंभ वर्ष का हुआ आगाज, जानिए गंगा स्नान का महत्व और शाही स्नान की तिथियां
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Kumbh Mela 2021: कुंभ वर्ष का हुआ आगाज, जानिए गंगा स्नान का महत्व और शाही स्नान की तिथियां

नववर्ष (New Year 2021) के साथ ही कुंभ (Kumbh 2021) की शुरूआत हो गई है. पुराणों में कुंभ में स्नान (Kumbh Snan) का विशेष महत्व बताया गया है. इस बार कुंभ में शाही स्नान (Shahi Snan) के लिए 4 तिथियां तय की गई हैं.

कुंभ मेला

नई दिल्ली. गंगा (Ganga) के प्रति श्रद्धा और विश्वास से भरा कुंभ मेला (Kumbh 2021) वर्ष नववर्ष (New Year 2021) आने के साथ ही शुरू हो गया है. ग्रहों की चाल की वजह से यह कुंभ 12 वर्ष के बजाय 11 वर्ष में पड़ रहा है. 14 जनवरी को कुंभ मेले का हरिद्वार (Haridwar) में शुभारंभ होगा. कुंभ मेला 48 दिनों तक चलेगा. कुंभ पर 4 शाही स्नान (Shahi Snan) और 6 दिन प्रमुख स्नान होंगे.

  1. नववर्ष के साथ ही कुंभ वर्ष का आगाज
  2. कुंभ में 4 तिथियों पर होगा शाही स्नान
  3. इस बार 11वें साल में कुंभ का हो रहा आयोजन

कुंभ पर गंगा में श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी

उम्मीद है कि कुंभ (Kumbh) पर लाखों श्रद्धालु पावन गंगा में डुबकी लगाने हरिद्वार (Haridwar) जाएंगे. जानिए गंगा स्नान का महत्व (Ganga Snan Significance) और शाही स्नान की तिथियां (Shahi Snan Tithi 2021).

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गंगा स्नान का महत्व

शास्त्रों में कुंभ के दौरान गंगा में स्नान (Ganga Snan) करने का विशेष महत्व माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति कुंभ के दौरान गंगा में स्नान करता है, उसे मोक्ष (Moksh) की प्राप्ति होती है. उसे सभी रोगों और पापों से मुक्ति मिलती है. कुंभ के दोरान पित्रों की मुक्ति के लिए पिंडदान भी किया जाता है.

कुंभ मेला की रौनक शाही स्नान

इस बार कुंभ पर चार शाही स्नान (Shahi Snan) होंगे. इनमें 13 अखाड़े शामिल होंगे. अखाड़ों की ओर से झांकियां निकाली जाती हैं. इसमें नागा बाबा आगे-आगे चलते हैं और उनके पीछे महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर होते हैं.

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शाही स्नान की तिथियां

इस बार पहला शाही स्नान (Shahi Snan 2021) 11 मार्च, शिवरात्रि के दिन पड़ेगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल, सोमवती अमावस्या के दिन पड़ेगा. तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल, मेष संक्रांति पर पड़ेगा और चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को बैसाख पूर्णिमा के दिन पड़ेगा.

11वें साल में लग रहा है कुंभ

कुंभ मेला (Kumbh) का आयोजन 12 साल में होता है लेकिन साल 2022 में बृहस्पति कुंभ राशि में नहीं होंगे. इसलिए इस बार 11वें साल में ही महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. 

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