आने वाली है दिवाली, अभी से शुरू कर दें ये काम, लक्ष्‍मी जी आपके ही घर में करेंगी वास!
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आने वाली है दिवाली, अभी से शुरू कर दें ये काम, लक्ष्‍मी जी आपके ही घर में करेंगी वास!

Laxmi Ji ki Aarti: मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए शुक्रवार का दिन सर्वोत्‍तम होता है. दिवाली से पहले पड़ रहे शुक्रवार को लक्ष्‍मी जी को प्रसन्‍न करने के लिए यह उपाय जरूर कर लें.

 

आने वाली है दिवाली, अभी से शुरू कर दें ये काम, लक्ष्‍मी जी आपके ही घर में करेंगी वास!

Maa Laxmi Aarti : दिवाली का दिन मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए साल का सबसे महत्‍वपूर्ण दिन होता है. इसलिए लोग कई दिन पहले से ही मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के जतन करने लगते हैं. साथ ही वह सभी काम करने लगते हैं, जो लक्ष्‍मी माता को प्रिय हों. जैसे- साफ-सफाई, सजावट, रंगोली, दीपकों की रोशनी, पूजा-पाठ आदि. ताकि मां लक्ष्‍मी पूरे साल उनके घर में वास करें और उनका घर धन-धान्‍य से भरा रहे. घर में सुख-समृद्धि रहे. इसलिए दिवाली से पहले पड़ रहे शुक्रवार से ही मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए उनकी रोज शाम को पूजा करें और पूजा में आरती जरूर करें.

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मां लक्ष्‍मी की पूजा

चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्‍मी की तस्‍वीर या फोटो रखें. उन्‍हें रोली, अक्षत का तिलक लगाएं. घी का दीपक जलाएं. दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. मां लक्ष्‍मी के मंत्रों का जाप करें. लक्ष्‍मी जी की आरती करें. लक्ष्मीजी की आरती बहुत ही चमत्कारिक मानी जाती है. यह आरती करने से जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है.

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मां लक्ष्‍मी जी की आरती

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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