Magh Gupt Navratri 2024: 5 दिन बाद शुरू हो रहे गुप्त नवरात्रि, माता रानी के इस स्वरूप की करें पूजा, बनी रहेगी कृपा
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Magh Gupt Navratri 2024: 5 दिन बाद शुरू हो रहे गुप्त नवरात्रि, माता रानी के इस स्वरूप की करें पूजा, बनी रहेगी कृपा

Magh Gupt Navratri Date: वर्ष में चार प्रकार के नवरात्र होते हैं जिनमें से दो प्रकट नवरात्र कहलाते हैं और दो गुप्त नवरात्र. माघ मास में पड़ने वाले नवरात्रि को गुप्त नवरात्र कहा जाता है. इस बार 10 फरवरी, दिन शनिवार से गुप्त नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है.

Magh Gupt Navratri 2024: 5 दिन बाद शुरू हो रहे गुप्त नवरात्रि, माता रानी के इस स्वरूप की करें पूजा, बनी रहेगी कृपा

Magh Gupt Navratri 2024: वर्ष में चार प्रकार के नवरात्र होते हैं जिनमें से दो प्रकट नवरात्र कहलाते हैं और दो गुप्त नवरात्र. माघ मास में पड़ने वाले नवरात्रि को गुप्त नवरात्र कहा जाता है. इस बार 10 फरवरी, दिन शनिवार से गुप्त नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है. इसमें नौ दिन शक्ति की आराधना का विधान होता है. इस व्रत की महिमा भी नवरात्र के समान ही होती है और इसमें भी घट स्थापना की जाती है लेकिन समाज में प्रकट नवरात्र को मनाने का चलन अधिक है. अपनी अपनी मान्यताओं के अनुसार भक्त इन नौ दिनों में मां की आराधना के साथ ही श्री राम चरित मानस का नव पारायण भी करते हैं. 

 

साल के 4 नवरात्रि

पहला नवरात्र हिंदू पंचांग के नए साल के शुरू होने के साथ ही चैत्र मास में मनाया जाता है जिसे वासंतिक नवरात्र भी कहते हैं. दूसरा नवरात्र आषाढ़ या वर्षाकालीन नवरात्रि कहलाता है, तीसरा नवरात्र शारदीय कहा जाता है, जो आश्विन मास में होता है और चौथा माघ मास में शिशिर नवरात्रि के नाम से मनाया जाता है. 

 

नवरात्रि का महत्व

महाकाल संहिता के अनुसार सतयुग में चैत्र नवरात्र, त्रेता युग में आषाढ़ नवरात्रि, द्वापर युग में माघ नवरात्रि और कलियुग में आश्विन या शारदीय नवरात्र की प्रमुखता रहती है. शाक्त ग्रंथों के अनुसार चारो नवरात्र में शक्ति पूजा का महत्व बताया गया है. 

 

जगत जननी की पूजा

शक्ति ही जगत का पालन कर रही है, यही साक्षात लक्ष्मी है और यही सरस्वती. देवी भागवत के तीसरे स्कंध के 29 वें अध्याय में बताया गया है कि महर्षि नारद के उपदेश में श्री राम ने भगवती शक्ति की उपासना से रावण द्वारा अपहृत मां सीता को प्राप्त किया था. महाभारत में भी दुर्गा देवी को परम पूज्य माना गया है और मां दुर्गा का स्मरण करके भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उनके स्तोत्र और पाठ करने के लिए कहा था. 

 

मां सरस्वती की अराधना

माघीय नवरात्र में विशेष रूप से मां सरस्वती की उपासना की जाती है, नवरात्र में पंचमी की तिथि सरस्वती जयंती होने के कारण मां शारदा की उपासना को श्रेष्ठ कहा जा सकता है. 

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