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Ancient Shiva Temple in Chhattisgarh: हिंदू धर्म में श्रावण मास का काफी महत्व है. भोले बाबा को समर्पित यह माह भक्तों के सिर पर चढ़ कर बोलता है. हर जगह हर हर महादेव की गूज सुनाई देती है. बता दें कि अब तक भारत में ही नहीं बल्कि कई और देशों से चौका देने वाली ऐसी घटना सामने आई है, जिसमें आकस्मिक शिवलिंग प्रकट हुए हैं. इनमें से हर शिवलिंग की अपनी महीमा है. जहां पर दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगता है.
आज हम एक ऐसे ही शिवलिंग की बारे में बात करेंगे जहां अचानक से प्रकट हुए भगवान शिव के इस शिवलिंग ने सभी को चौका दिया. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से 106 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भंवरपुर गांव में यह शिव मंदिर स्थित है. इस मंदिर को लेकर लोगों का दावा है कि यह शिवलिंग अपने आप निकलते जा रहे हैं. सावन माह में यहां पर भक्तों का तांता लगता है, आइए विस्तार में इस मंदिर से जुड़ी रोचक घटना के बारे में जानें.
जानें मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का इतिहास लोगों को चौका देता है. मौजूदा लोगों के अनुसार इस मंदिर की जगह पहले खेत था. इस खेत के मालिक जो कि किसान था उसने वहां की सींचाई के लिए कुंआ खोदना चाहा. इस दौरान वहां पर एक गोल पत्थर मिला जो खुदाई को पूरा नहीं करने दे रहा था. किसान की भरसक प्रयास के बाद भी वह पत्थर वहां से हीला तक नहीं.
दिन पर दिन बढ़ती जा रही है शिवलिंग की ऊचांई
अगले दिन उस जगह गोलाकार में पत्थर खुद पर खुद निकल आया. दिन पर दिन वह शिवलिंग अपने आप बाहर निकलता गया. जिसके बाद गांव वालों ने वहां पर छोटा सा मंदिर बना कर शिवलिंग की पूजा अर्चना शुरू कर दी. कुएं को मंदिर के पास में ही बना दिया गया, जो आज भी वहां मौजूद है. जन सहयोग की वजह से यह मंदिर आज के समय में काफी भव्य बन गया है. जहां आज लोग दूर दूर से दर्शन करने आते हैं. बता दें कि शिवलिंग आज जमीन से लगभग 3 फीट से भी ज्यादा ऊपर आ चुका है. यहां पर दावा किया गया है कि इसकी ऊचांई दिनों दिन और बढ़ ही रही है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)