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नई दिल्ली: हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का त्योहार मनाया जाता है जो इस साल 11 मार्च गुरुवार को है. वैसे तो इस साल महाशिवरात्रि बेहद खास शिव योग (Shiv Yoga), सिद्ध योग (Siddha Yoga) और धनिष्ठा नक्षत्र के बीच मनायी जा रही है जो बेहद शुभ है. लेकिन इसी के साथ ज्योतिषविदों की मानें तो 11 मार्च यानी महाशिवरात्रि के दिन से ही पंचक (Panchak) भी लगने जा रहा है. पंचक के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों के अलावा कई और तरह के कार्यों की भी मनाही होती है. तो आखिर क्या है पंचक, कब लगता है पंचक और इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए, जानें.
धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती इन पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र (Jyotish) के अनुसार पंचक का निर्माण नक्षत्रों के मेल से होता है. जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि में रहता है और इन पांचों नक्षत्र में जब चंद्रमा गोचर करता है तब इस समय पंचक काल का निर्माण होता है. पंचक को कई जगहों पर भदवा भी कहा जाता है. वैसे तो ज्योतिष में पंचक काल को शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में पंचक शुभ भी हो सकता है.
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पंचक 6 प्रकार का होता है. रविवार को लगने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है, सोमवार से शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है और यह शुभ माना जाता है, मंगलवार से शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है और इसमें नुकसान की आशंका बनी रहती है, बुधवार और गुरुवार से शुरू होने वाला पंचक में मुहूर्त देखकर कार्य किए जा सकते हैं, शुक्रवार को लगने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है और इस दिन लेन-देन से बचना चाहिए, शनिवार को लगने वाला पंचक सबसे अशुभ होता है और मृत्यु पंचक कहलाता है.
महाशिवरात्रि के दिन 11 मार्च को सुबह 9.20 बजे तक तो चंद्रमा मकर राशि में रहेगा लेकिन उसके बाद वह कुंभ राशि में गोचर करेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार पंचक 5 दिनों तक रहेगा.
पंचक का आरंभ- 11 मार्च गुरुवार को सुबह 9.21 बजे से
पंचक का समापन- 16 मार्च मंगलवार को सुबह 04.44 बजे तक
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पंचक के दौरान इन कार्यों को करने की मनाही होती है-
-पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इससे आपको हानि उठानी पड़ सकती है.
-पंचक के दौरान धनिष्ठा नक्षत्र में घास, लकड़ी, ईंधन जैसी चीजों को इकट्ठा नहीं करना चाहिए. इससे आग लगने का डर रहता है.
-पंचक के दौरान घर की चारपाई, पलंग, बेड जैसी चीजें नहीं बनवानी चाहिए. माना जाता है कि इससे बड़ा संकट आता है.
-पंचक के दौरान लकड़ी का फर्नीचर या लकड़ी का कोई भी सामान नहीं खरीदना चाहिए.
-पंचक के दौरान घर की, दुकान की या कार्यस्थल की छत नहीं बनवानी चाहिए. इससे धन की हानि और गृह कलेश बढ़ने की आशंका रहती है.
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