वास्तु शास्त्र के अनुसार चूड़ियों का संबंध बुध और चंद्रमा ग्रह से बताया जाता है. वहीं, शास्त्रों में चूड़ियों को 16 श्रृंगार में अहम माना गया है. किसी भी सुहागन महिलाओं के लिए चूड़ियों को सुदंरता और जिंदगी से जोड़ा गया है. कहते हैं कि महिलाओं को चूड़ियां पहनने से स्वास्थ्य और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं.
वास्तु जानकारों का कहना है कि अगर चूड़ियां किसी खास दिन पहनीं जाएं, तो व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. शादीशुदा महिलाओं को चूड़ियां हमेशा शुभ दिन पहननी चाहिए. बता दें कि इसके लिए सप्ताह के शुक्रवार औऱ रविवार का दिन शुभ माना गया है. वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि मगंलवार और शनिवार को महिलाओं को नई चूड़ियां नहीं खरीदनी चाहिए. इस दिन नई चूड़ियां खरीदना अशुभ माना गया है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर शादीशुदा महिलाएं मंगलवार और शनिवार के दिन चूड़ियां पहनत हैं, तो चूड़ियां पहले तुलसी माता को चढ़ाएं. इसके बाद ही अपने हाथों में पहनें. चूड़ियों को सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है. इन्हें पहनने से महिलाओं का मन शांत रहता है और सकारात्मकता से भरपूर रहता है.
बता दें कि शादीशुदा महिलाओं को संख्या के हिसाब से 21 चूड़ियां पहननी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इनके साथ 2-2 चूड़िया सोने या चांदी की भी पहनी जा सकती हैं. इसके अलावा, नई दुल्हन को लगभग 40 दिन तक चूड़ियां पहननी चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काले रंग को अशुभता का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में शादीशुदा महिलाएं काले रंग की चूड़ियां भूलकर भी न पहनें. इन रंगों को शुभ नहीं माना गया है. कहते हैं कि चूड़ियां पहनने से मन शांत रहता है. अगर आपकी नई शादी हुई है, तो आप शुभ दिन नई चूड़ी पहनें.
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