गरुड़ पुराण में गर्भधारण के लिए शुभ समय, दिन, नक्षत्र आदि के बारे में बताया गया है. इसके अलावा इसमें गर्भधारण के लिए कुछ नियम भी बताए गए हैं. यदि शुभ समय में नियम को पालन करते हुए गर्भधारण हो तो संतान बहुत योग्य और सेहतमंद होती है. ऐसे बच्चे जिंदगी में बहुत सफलता पाते हैं.
गरुड़ पुराण के मुताबिक यदि अच्छी सेहतमंद संतान चाहते हैं तो महिला के माहवारी के दिनों में गर्भधारण नहीं होना चाहिए. इससे बच्चे में बीमारियां या समस्याएं हो सकती हैं. लिहाजा 7 दिन के बाद ही गर्भधारण के लिए प्रयास करना चाहिए.
महिला के शुद्ध होने के बाद आठवीं और चौदहवीं रात गर्भधारण के लिए सबसे अच्छी मानी गई है. ऐसी संतान लंबी उम्र वाली, संस्कारी, अच्छी आदतों-गुणों वाली और भाग्यशाली होती है. वहीं दिन को लेकर बात करें तो सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन कंसीव करने के लिए बहुत शुभ होता है.
कंसीव करने के लिए अष्टमी, दशमी और बारहवीं तिथि को बहुत शुभ माना गया है. इसके अलावा रोहिणी, मृगशिरा, हस्त, चित्रा, पुनर्वसु, पुष्य, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, उत्तराषाढ़ा और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र को गर्भधारण के लिए बहुत शुभ माना गया है.
गर्भधारण के दिन पति-पत्नी दोनों का चन्द्रमा मजबूत हो और उनकी सोच सकारात्मक हो तो बच्चा भी ऊर्जावान और अच्छे विचारों वाला होता है. इसके अलावा मां 9 महीने तक अच्छा आचरण करे, अच्छा पोषक भोजन करे, एक्सरसाइज करे, प्रार्थना करे, अच्छी किताबें पढ़े तो बच्चों में भी यह गुण आते हैं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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