Narendra Modi Virbhadra Mandir Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिनों के केरल और आंध्र प्रदेश दौरे पर हैं. इस दौरान पीएम 4,000 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. इसी बीच पीएम मोदी ने लेपाक्षी के वीरभद्र मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की है. आज हम आपको लेपाक्षी के वीरभद्र मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं और ये भी बताएंगे कि ये मंदिर इतना खास क्यों माना जाता है.
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के एक छोटे से ऐतिहासिक गांव लेपाक्षी में एक मंदिर मौजूद है जो वीरभद्र स्वामी को समर्पित है. इस मंदिर को हैंगिंग पिलर टेंपल भी कहा जाता है. दरअसल, इस मंदिर में कुल 70 पिलर हैं और इसमें से एक खंभा जमीन से जुड़ा हुआ नहीं है. इस खंभे को आकाश स्तंभ के नाम से भी जाना जाता है.
आकाश स्तंभ जमीन से करीब आधा इंच उठा हुआ है. माना जाता है कि हवा में लटके इस खंभे के नीचे से कपड़ा निकालने से घर में सुख-शांति आती है. खंबा हवा में कैसे लटका है इसका कारण अभी साफ नहीं हुआ है. हालांकि लोगों का मानना है कि ब्रिटिश काल में एक इंजीनियर ने रहस्य जानने के लिए खंभे को खिसका दिया था जिसके बाद से खंभा आज भी हवा में लटका हुआ है.
लेपाक्षी का ये मंदिर कुर्मासेलम की पहाडियों पर बना हुआ है और ये कछुए की आकार में है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर को ऋषि अगस्त्य ने बनवाया था. ये भी कहा जाता है कि 16वीं सदी में इस मंदिर का निर्माण दो भाइयों ने करवाया था जिनका नाम विरुपन्ना और विरन्ना था. ये दोनो भाई विजयनगर के राजा के यहां काम करते थे.
इस मंदिर का नाम रामायण में भी है. माना जाता है कि ये वहीं मंदिर है जहां माता सीता का अपहरण कर रहे रावण ने जटायु को गंभीर रूप से घायल कर दिया था और वो गिर गए थे.
जटायु ने ही भगवान राम को बताया था कि रावण मां सीता को दक्षिण की ओर लेकर गया है. इसके बाद भगवान राम ने उन्हें मोक्ष प्रदान किया था. वहीं मंदिर में में एक बड़ा से पैर का निशान भी मौजूद है जिसे कोई भगवान राम के पैर और कोई माता सीता के पैर का निशान मानते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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