Holi 2024: रंगों के त्योहार यानी होली में अब महज 8 दिन बचे हैं. इस त्योहार का लोग पूरे साल भर से इंतजार करते हैं. भारत विभिन्न परंपराओं और रिति रिवाजों का देश है. हमारे देश में कई सारी ऐसी जगह हैं जहां कि होली सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. इन्हीं में से वृंदावन-मथुरा की होली सबसे मशहूर मानी जाती है. यहां होली खेलने देश के बाहर से भी लोग आते हैं. मथुरा-वृंदावन वही स्थान है जहां भगवान श्री कृष्ण का बचपन बीता था. इसी के चलते अगर आप भी मथुरा-वृंदावन जाने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है. आज हम आपको वहां के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के दर्शन आपको जरूर करने चाहिए.
अगर आप मथुरा वृंदावन जा रहे हैं तो इस्कॉन मंदिर में जरूर जाएं. इस मंदिर की स्थापना श्री प्रभुपाद महाराज ने कराई थी. इस मंदिर को श्री कृष्ण बलराम मंदिर इस्कॉन मंदिर से भी जाना जाता है. जन्माष्टमी के अवसर पर इस मंदिर में देश-विदेश से लाखों की संख्या में भक्त आते हैं.
बांके बिहारी मंदिर मथुरा-वृंदावन का सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. इस मंदिर का निर्माण 1864 में हुआ था. यहां पर लाखों की संख्या में भक्त कृष्ण जी के दर्शन करने आते हैं. अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन करने को मिलते हैं.
गीता मंदिर को पहले बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता था. इस मंदिर की खास बात ये है कि मुख्य द्वार पर भगवद गीता के 18 अध्याय गुदे हुए हैं. इसके अलावा ये पूरा मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है. इस मंदिर में भगवान कृष्ण के साथ-साथ नारायण जी, प्रभु राम, देवी लक्ष्मी और सीता की सुंदर मुर्तियां देखने को मिलेंगी.
प्रेम मंदिर की स्थापना कृपालुजी महाराज ने 2001 में कराई थी. इस मंदिर को भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस मंदिर का परिसर 54 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. इस मंदिर को इटैलियन संगमरमर से बनाया गया है. इस मंदिर भगवान कृष्ण की लीलाओं के दृश्य देखने को मिल जाएंगे.
राधा रमण मंदिर मथुरा-वृंदावन के प्राचीन मंदिरों में से एक है. ये मंदिर भगवान राधा रमण जी को समर्पित है. राधा रमण का अर्थ है राधा जी को प्रसन्न करने वाला. यह मंदिर सुबह 8:00 बजे से 12:30 तक और शाम में 6:00 बजे से 8:00 बजे तक भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहता है.
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