Pitra Dosh: नौकरी में बार-बार आ रही हैं समस्‍याएं? कुंडली का ये दोष हो सकता है कारण! जानें उपाय
Advertisement
trendingNow11221534

Pitra Dosh: नौकरी में बार-बार आ रही हैं समस्‍याएं? कुंडली का ये दोष हो सकता है कारण! जानें उपाय

Pitra Dosh Shanti Upay: ज्‍योतिष के अनुसार जिंदगी की कई समस्‍याओं के पीछे व्‍यक्ति की कुंडली के दोष बड़ी वजह होते हैं. इनमें दोषों में पितृ दोष एक बड़ा दोष है जो व्‍यक्ति के करियर से लेकर उसकी आर्थिक स्थिति और उसकी खुशियों तक पर नकारात्‍मक असर डालता है. 

फाइल फोटो

Career Problem Solution by Astrology: कुंडली के शुभ योग व्‍यक्ति को राजा जैसा जीवन देते हैं तो अशुभ योग उससे सब कुछ छीन भी लेते हैं. इसलिए कुंडली के शुभ-अशुभ योगों को ज्‍योतिष में बहुत महत्‍व दिया गया है और उनसे जुड़े उपाय भी बताए गए हैं. यदि जातक की कुंडली में कोई अशुभ योग हो तो कड़ी मेहनत और तमाम कोशिशों के बाद भी ना तो उसके जीवन का संघर्ष खत्‍म होता है और ना ही उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार आता है. ये अशुभ योग उसके जीवन में दुर्भाग्‍य का कारण बनते हैं. पितृ दोष भी ऐसा ही अशुभ योग है. 

करियर में तरक्‍की नहीं होने देता पितृ दोष 

ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को अशुभ और दुर्भाग्य कारक बताया गया है क्‍योंकि जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष होता है, उन्‍हें करियर-कारोबार में तरक्‍की नहीं मिलती, पैसों की तंगी साथ नहीं छोड़ती, घर में कलह-अशांति रहती है और वंश वृद्धि भी रुक जाती है. पितृ दोष करियर में न केवल रोढ़े अटकाता है, बल्कि जातक को मनपसंद काम से महरूम भी रखता है. इसलिए पितृ दोष का निवारण जल्‍द से जल्‍द कर लेना चाहिए. 

ऐसे करें पितृ दोष का निवारण 

- अमावस्या के दिन पूजा करें, तर्पण-श्राद्ध करें, दान करें, इससे पितृ प्रसन्न होते हैं. 

- यदि संभव हो तो रोजाना ही सुबह स्‍नान के बाद पानी में काले तिल और अक्षत डालकर पितरों को अर्घ्य दें. 

- पीपल के पेड़ में दोपहर में जाकर जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और पूर्वजों से आशीर्वाद मांगें. वैसे तो किसी भी व्‍यक्ति को कोई भी पेड़ नहीं काटना चाहिए लेकिन पीपल के पेड़ को कभी भी न काटें, ना ही इसके नीचे गंदगी करें. इससे पितृ दोष लगता है. 

यह भी पढ़ें: Numerology: पिता का भाग्‍य चमका देते हैं इन तारीखों में जन्‍मे बच्‍चे! जल्‍दी बनते हैं करोड़पति

- पितृ दोष निवारण के लिए अमावस्या, पूर्णिमा या पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करना चाहिए. इससे उसके पूर्वज उसे आशीर्वाद देते हैं और जातक जीवन में तरक्‍की पाता है. 

- हमेशा याद रखें कि श्राद्ध में पितरों की पसंद का ही भोजन बनाएं और उसे ब्राह्मण को सम्‍मानपूर्वक खिलाएं. गरीबों को भी भोजन कराएं. 

- करियर-व्‍यापार की बाधाएं दूर करने के लिए गरीबों को मौसम के अनुसार जरूरी चीजें दान करें.
 
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news