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नई दिल्ली: भाद्रपद महीने की पूर्णिमा (20 सितंबर) से शुरू हुए पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021) के दौरान देश भर में लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण कर रहे हैं. ताकि पूर्वजों (Ancestors) की कृपा से जिंदगी में खुशियां मिले, समृद्धि मिले. हालांकि पूर्वजों की पूरी कृपा पाने के लिए तर्पण (Tarpan) करने के साथ-साथ कुछ नियमों (Rules) का पालन करना भी बेहद जरूरी है, वरना तर्पण अधूरा रहता है.
- पितृ पक्ष के दौरान अपने घर के बाहर एक बर्तन में पीने का पानी और कुछ भोजन-दाना आदि जानवरों, पशु-पक्षियों के लिए जरूर रखें. ताकि आपके घर से इस दौरान कोई पशु-पक्षी भूखा न जाए. कहते हैं कि पितृ पक्ष में पितृ पशु-पक्षी के रूप में अपने घर आते हैं.
- पितृ पक्ष में किसी पशु-पक्षी को गलती से भी न सताएं, वरना इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
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- पितृ पक्ष में कोई भी शुभ काम न करें. यहां तक कि कोई नई चीज भी न खरीदें. यदि कोई खुशी की खबर आ भी जाए तो उसका सेलिब्रेशन पितृ मोक्षम अमावस्या के बाद ही करें.
- अपने पूर्वजों का प्रिय भोजन तैयार करने के बाद उसे ब्राह्मण को परोसें. साथ ही कौवा, गाय और कुत्ते को भी वह भोजन दें. उनके जरिए यह भोजन पितरों तक पहुंचता है.
- पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को चना, मसूर, जीरा, खीरा, काला नमक, लौकी, सरसों और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)