जल्दी शादी करने का है मन तो जरूर करें ये उपाय, घर में बज उठेगी शहनाई
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जल्दी शादी करने का है मन तो जरूर करें ये उपाय, घर में बज उठेगी शहनाई

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों के कारण विवाह में विलंब होता है. कई बार को शादी की बाद पक्की हो जान के बावजूद भी विवाह टल जाता है. कुछ उपाय शादी में आ रही बाधाओं को दूर करने में मददगार हो सकते हैं. 

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में विवाह 16 संस्कारों में से एक है. धार्मिक मान्यता है विवाह संस्कार के बिनी इंसान का जीवन सफल नहीं होता है. विवाह में देरी के कई कारण होते हैं. ज्योतिष के मुताबिक कई बार ग्रह-नक्षत्रों के कारण विवाह में विलंब होता है. कई बार को शादी की बाद पक्की हो जान के बावजूद भी विवाह टल जाता है. ऐसे में कुछ उपाय विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करनें मददगार हो सकते हैं. ये उपाय क्या हैं इसे जानते हैं. 

  1. शीघ्र विवाह का बनता है योग
  2. विवाह की अड़चने होती हैं दूर 
  3. नहीं होता है विवाह में विलंब

पश्चिम-उत्तर की दिशा में बेडरूम

वास्तु शास्त्र के अनुसार जो विवाह करना चाहते हैं, उनका कमरा हमेशा पश्चिम-उत्तर की दिशा में होना चाहिए. यदि ऐसा संभव न हो तो ऐसे में उत्तर दिशा में कमरा बनवाना चाहिए. इसके अलावा पलंग को दीवार से उचित दूरी बनाकर रखना चाहिए. 

गुरुवार का व्रत

विवाह के लिए इच्छुक जातक को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए. साथ ही इस दिन केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा पीली वस्तुओं का दान करना लाभकारी होता है. साथ ही साथ गाय को गुड़ मिश्रित चने की आटा में हल्दी मिलाकर खिलाना चाहिए. संभव हो तो विष्णु के 108 नामों का जाप करें. इससे विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं. 

धारण करें 6 मुखी रुद्राक्ष

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक विवाह संबंधी समस्या को दूर करने के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी है. इस रुद्राक्ष को भगवान कार्तिकेय का रूप माना जाता है. इसे पहनने से विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं. 

शिवलिंग पर जल 

नियमित शिवलिंग पर जल अर्पित करें. शिवलिंग पर जल के अतिरिक्त गाय के कच्चे दूध और बेलपत्र भी अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव से अपनी मनोकामना कहें. कुंवारी कन्याएं 16 सोमवार का व्रत रख सकती हैं. साथ ही पार्वती मंगल का पाठ भी कर सकती हैं. ऐसा करने से शीघ्र विवाह का योग बनता है. 

पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष की पूजा

किसी भी पूर्णिमा के दिन बरगद के वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें. इसके अलावा गुरुवार के दिन वट वृक्ष को जल अर्पित करें. इससे विवाह में आ रही बधाएं जल्द ही दूर हो जाती हैं और विवाह का योग बनता है.    

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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