कौन हैं अनिल मिश्रा, जो बने प्राण-प्रतिष्‍ठा अनुष्‍ठान के मुख्‍य यजमान?
Advertisement
trendingNow12064984

कौन हैं अनिल मिश्रा, जो बने प्राण-प्रतिष्‍ठा अनुष्‍ठान के मुख्‍य यजमान?

Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा का एक हफ्ते का अनुष्‍ठान शुरू हो चुका है. 22 जनवरी 2024 को मुख्‍य कार्यक्रम से पहले के अनुष्‍ठान मुख्‍य यजमान डॉ. अनिल मिश्रा द्वारा पूरे किए जा रहे हैं. 

कौन हैं अनिल मिश्रा, जो बने प्राण-प्रतिष्‍ठा अनुष्‍ठान के मुख्‍य यजमान?

Who is Anil Mishra: 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होगा. उससे पहले प्राण-प्रतिष्‍ठा के सारे अनुष्‍ठान विधिवत पूरे किए जा रहे हैं. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्‍ठा के लिए मुख्‍य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे. लेकिन उससे पहले के सभी अनुष्‍ठान करने के लिए मुख्‍य यजमान डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्‍नी उषा मिश्रा को चुना गया है. 16 जनवरी से शुरू हुए ये अनुष्‍ठान 22 जनवरी की दोपहर को रामलला की मूर्ति गर्भगृह में विराजित होने तक चलेंगे. इसके लिए 21 जनवरी तक के अनुष्‍ठान अनिल मिश्रा के द्वारा पूरे किए जाएंगे. 

राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका 

डॉ. अनिल मिश्रा ने राम मंदिर आंदोलन में बहुत सक्रिय भूमिका निभाई है. वे सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं. उत्‍तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में जन्‍मे डॉ. मिश्रा करीब 4 दशकों से अयोध्‍या शहर में अपना होम्योपैथिक क्लिनिक चला रहे हैं. 1981 में उन्होंने बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी में डिग्री प्राप्त की थी. वह उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक बोर्ड के रजिस्ट्रार और गोंडा के जिला होम्योपैथिक अधिकारी पद से रिटायर होने के बाद प्रायवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं. 

आरएसएस से है पुराना नाता 

डॉ. अनिल मिश्रा लंबे समय से ही आरएसएस से जुड़े हुए हैं. उन्‍होंने आरएसएस के सक्रिय सदस्य के रूप में उन्होंने आपातकाल का विरोध किया था. इसके बाद राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे. 

सपत्‍नीक पूरे कर रहे अनुष्‍ठान 

16 जनवरी, मंगलवार से डॉ. मिश्रा बतौर यजमान सभी अनुष्‍ठान निभा रहे हैं. सरयू नदी में डुबकी लगाकर उन्‍होंने इसकी शुरुआत की. उन्‍होंने और उनकी पत्‍नी उषा मिश्रा ने पंचगव्‍य (गाय का दूध, दही, घी, गोबर, गौमूत्र) लिया और व्रत शुरू किया. प्रश्चिता, संकल्प, कर्मकुटी पूजा के बाद उन्‍होंने हवन किया. 

इसके बाद बुधवार को कलश पूजन किया. इसी दिन भगवान रामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर का भ्रमण कराया गया. तीसरे दिन यजमान बने अनिल मिश्रा ने गर्भगृह में उस स्‍थान की पूजा की, जहां रामलला की मूर्ति विराजित की जाएगी. इसके बाद मूर्ति के अधिवास होंगे. 

121 पुजारी कर रहे अनुष्‍ठान 

22 जनवरी को मूर्ति प्राण-प्रतिष्‍ठा के लिए काशी के विद्वानों ने बेहद शुभ मुहूर्त चुना है. इस शुभ मुहूर्त में रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में विराजमान करने से पहले 121 पुजारी एक हफ्ते का अनुष्ठान कर रहे हैं. यह पूरा अनुष्‍ठान वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के नेतृत्‍व में हो रहा है. 

Trending news