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Lord Shiv Rudraksha: शिवपुराण में रुद्राक्ष धराण करने की विधि और उसके नियमों के बारे में विस्तार से बताया गया है. कहते हैं कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. और भगवान शिव की बेहद प्रिय चीज में से एक है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष को विधिपूर्वक धारण करता है, उसके शरीर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. इतना ही नहीं, समय के साथ रोगों से छुटकारा मिलता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष धारण करते समय ही सिर्फ नियमों का पालन नहीं किया जाता, बल्कि धारण करने के बाद भी कुछ चीजों का खास ख्याल रखा जाता है. अगर इन बातों का ध्यान न रखा जाए, तो महादेव की नाराजगी का सामना करना पड़ता है. आज हम जानेंगे ऐसी पांच जगहों के बारे में जहां पर रुद्राक्ष धारण करके नहीं जाना चाहिए.
इन जगहों पर गलती से भी पहन कर न जाएं रुद्राक्ष
- शास्त्रों में कहा गया है कि अगर किसी जातक ने रुद्राक्ष धारण किया हुआ है , तो उसे ऐसे स्थान पर बिल्कुल नहीं जाना चाहिए, जहां पर किसी की मृत्यु हो गई हो. इन जगहों पर रुद्राक्ष पहनकर जाना अच्छा नहीं माना जाता. अगर आपका जाना बेहद जरूरी है, तो रुद्राक्ष को उतार कर जाएं.
- ज्योतिष अनुसार अगर किसी व्यक्ति ने रुद्राक्ष धारण किया हुआ है, तो उसे मांस-मदिरा से दूरी बना लेनी चाहिए. इतना ही नहीं, रुद्राक्ष धारण करके ऐसी जगहों पर जाने की भी मनाही होती है. इसके साथ ही, मदिरापन वाली जगहों पर भी नहीं जाना चाहिए.
- शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष को उस जगह पर बिल्कुल भी न पहन कर जाएं, जहां पर किसी बच्चे का जन्म हुआ है. बच्चे के जन्म के बाद उस जगह को एक माह तक सौवार माना जाता है. इसलिए ऐसी जगह पर रुद्राक्ष पहनकर जानें से बचें. क हते हैं कि अगर कोई ऐसा करता है, तो इससे रुद्राक्ष निस्तेज हो जाता है.
- मान्यता है कि रुद्राक्ष को सोने से पहले उतार देना चाहिए. कहते हैं कि सोते समय हमारा शरीर अशुद्ध और निस्तेज रहता है. इसके साथ ही, रात में सोते समय रुद्राक्ष के टूटने का भी डर बना रहता है.
- इसके साथ ही, रुद्राक्ष ऐसी जगहों पर बिल्कुल भी पहन कर नहीं जाना चाहिए, जहां पर गलत काम होते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)