Jipur Blast Case: जयपुर-अजमेर हाईवे पर ट्रक से टकराने के बाद हुए धमाके में एलपीजी टैंकर का चालक बाल-बाल बच गया था. पुलिस की पड़ताल के बाद एलपीजी टैंकर के ड्राइवर को तलाशा जा रहा था, इस बीच वो पुलिस के सामने पहुंच गया.
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Jaipur LPG Tanker Accident: जयपुर में एलपीजी टैंकर ब्लास्ट मामले में पुलिस ने हादसे के घटनाक्रम को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है. अपनी देखरेख में हादसे की जांच करा रहे भांकरोटा थाने के थानेदार यानी एसएचओ मनीष शर्मा ने बताया, 'एलपीजी गैस टैंकर का चालक बेहद खतरनाक हादसे के बावजूद बच गया'. लोगों की हैरानी इस बात पर थी कि जब मंजर इतना भयानक था, कि जो भी गैस के आस-पास भी आया वहीं जलकर राख हो गया. आग भी तब तक नहीं बुझी जब तक गैस का एक-एक कतरा रिस कर खत्म नहीं हो गया. इसके बावजूद गैस टैंकर के ड्राइवर का बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं रहा. आपको बताते चलें कि भीषण आग की चपेट में 30 से ज़्यादा गाड़ियां आ गई थीं.
कैसे बची ड्राइवर की जान?
जयपुर-अजमेर हाईवे पर ट्रक से टकराने के बाद हुए धमाके में एलपीजी टैंकर का चालक बाल-बाल बच गया. पहचान सुनिश्चित होने के बाद सबको एलपीजी गैस टैंकर के ड्राइवर की तलाश थी, मौका देखते ही वो पुलिस के सामने पेश हो गया. 13 लोगों की मौत वाली उस दुर्घटना की जांच SIT की टीम कर रही है. हादसे में कम से कम 13 लोगों की जलकर मौत हो गई और करीब 41 अन्य झुलस गए थे. उसी हादसे के मुख्य किरदार की जान कैसे बची, ये हर कोई जानना चाहता था.
दरअसल टक्कर के दौरान गैस लीक होने पर एलपीजी टैंकर का ड्राइवर जयपुर की तरफ दौड़ पड़ा था. जिससे उसकी जान बच गई.
कड़ी दर कड़ी जोड़ी जा रही कड़ियां
बताया जा रहा है कि टक्कर के बाद टैंकर का नोजल क्षतिग्रस्त हो गया. जिससे टैंकर में भरी गैस बाहर निकलने लगी. जिससे भीषण आग लगी. 30 से अधिक गाड़ियां उसकी चपेट में आ गईं. उनमें सवार लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जिनकी हालत गंभीर थी. हादसे में LPG गैस टैंकर के ड्राइवर जयवीर (40) को गंभीर चोट नहीं आई.
यूपी के मथुरा निवासी जयवीर को लगा कि टक्कर लगने से गैस टैंकर का नोजल टूट गया है. आग लगने से पहले वह भाग गया. पुलिस ने बताया कि उसे लगा कि टैंकर का नोजल टूटा है, उसका रिपेयर तत्काल होना असंभव सा है. ऐसे में अन्य वाहनों की हल्की से चपेट में आने से भयानक आग लगने का खतरा था. ऐसे में वह एलपीजी रिसाव वाली विपरीत दिशा की ओर तेजी से भागा, वो तबतक नहीं रुका जबतक उसे ये यकीन नहीं हो गया कि वो वहां पर सुरक्षित है.
पुलिस का बयान
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) अमित कुमार ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, 'हम टैंकर चालक को तुरंत दोष नहीं दे सकते हैं, क्योंकि कंटेनर ट्रक चालक ने उसकी गाड़ी को टक्कर मारी थी. उसने देखा कि टैंकर का नोजल टूट चुका था. ऐसे में उसे लगा कि कभी भी धमाका हो सकता है, क्योंकि अन्य चालकों की गाड़ियों का इग्निशन ऑन था, इसलिए वह अपनी जान बचाने के लिए भाग गया.'
LPG टैंकर को टक्कर मारने वाले कंटेनर ट्रक के चालक की धमाके में मौत हो गई. डीसीपी ने कहा, 'जयवीर घटनास्थल पर मौजूद नौ ड्राइवरों में से एक था, जो आग से बच निकलने में सफल रहा. दुर्घटना में दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं और 23 लोगों का जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें लापरवाही से गाड़ी चलाना, लापरवाही से मौत का कारण बनना और जान को खतरे में डालकर चोट पहुंचाना शामिल है.