दोस्ती का रिश्ता कभी किसी को विरासत में नहीं मिलता है. जिंदगी के हर पड़ाव पर दोस्त खुद ही बनाए जाते हैं. सफल दोस्ती के लिए कुछ नियम-कायदों को ध्यान में रखना चाहिए. चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में अन्य बातों की तरह दोस्ती का भी उल्लेख किया गया है.
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नई दिल्ली. दुनिया में दोस्ती के रिश्ते को बेहद पवित्र माना गया है. यह रिश्ता कभी किसी को विरासत में नहीं मिलता है. दोस्त खुद ही बनाए जाते हैं और दोस्ती खुद ही कमाई जाती है. चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार, अगर आप किसी के व्यवहार और आदतों के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके दोस्तों को देख लें. आप खुद ब खुद उसका व्यवहार समझ जाएंगे.
चाणक्य के अनुसार, इंसान को दोस्ती हमेशा सोच-समझकर करनी चाहिए. कभी-कभी दोस्ती की आड़ में कुछ लोग ऐसा धोखा देते हैं, जिसका दर्द लंबे समय तक कचोटता है. इसलिए दोस्ती को लेकर चाणक्य ने कुछ बातें बताई हैं, जिन्हें हमेशा याद रखना चाहिए और उनका पालन भी करना चाहिए.
बुरे वक्त में न छोड़ें साथ
चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति बुरे वक्त में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहे, वही आपका सच्चा दोस्त है. हमेशा बुरे वक्त में ही अपनों की पहचान होती है. ऐसे दोस्तों का हमेशा मान-सम्मान करना चाहिए. ये आपके जीवन की असल पूंजी होते हैं.
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मर्यादा की सीमा का रखें ध्यान
चाणक्य के अनुसार, हर रिश्ते की अपनी एक मर्यादा होती है. दोस्ती में भी यह बात सही बैठती है. इसलिए भूलकर भी दोस्ती में मर्यादा को पार न करें. अगर आप मर्यादा की सीमाएं लांघने लगते हैं तो फिर दोस्ती का रिश्ता धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है.
सही मार्ग दिखाएं
चाणक्य के अनुसार, सच्चा मित्र वही होता है जो हमेशा सही रास्ता दिखाए. ऐसे दोस्त किसी आभूषण से कम नहीं होते हैं. दूसरी ओर, जो दोस्त गलत रास्ते पर जाने के लिए प्रेरित करें, वे आपके दुश्मन से भी बुरे होते हैं. ऐसे दोस्तों से सदैव सतर्क रहना चाहिए.