Sankashti Chaturthi 2022: संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित होती है. इस दिन गणपति बप्पा की विधि-विधान से पूजा की जाती है और उनके लिए व्रत रखा जाता है. ऐसा करने से बप्पा प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करते हैं.
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Sankashti Chaturthi Puja Vidhi: भगवान गणेश हर तरह की परेशानियों को दूर करते हैं, इसलिए उनको विध्नहर्ता कहा जाता है. हिंदू धर्म में कोई भी धार्मिक कार्य हों, इसकी शुरुआत गणेश पूजा के साथ होती है. संकष्टी चतुर्थी हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. अगले महीने यह तारीख 11 दिसंबर को रविवार के दिन पड़ रही है. यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. इस दिन विधि-विधा से उनकी पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है.
मनोकामना
संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इंसान की हर मनोकामना पूरी होती है और हर तरह के कष्टों से राहत मिलती है. घर में सुख और समृद्धि का वास होता है.
व्रत
संकष्टी चतुर्थी का व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और चंद्रमा दर्शन के साथ समाप्त होता है. इस दिन सुबह भगवान गणेश की पूजा की जाती है और शाम के समय संकष्टी चतुर्थी की कथा सुनी जाती है.
पूजा विधि
गणेश संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. गणपति बप्पा की चौकी स्थापित करने के बाद विधि-विधान से पूजा करें. उनको मोदक, लड्डू और दूर्वा अर्पित करें. गणेश मंत्र का उच्चारण करें और गणेश चालीसा का पाठ करें. आखिर में गणेश जी की आरती करें. वहीं, शाम के समय गणेश जी की कथा सुनने के बाद धूप, अगरबत्ती कर प्रसाद का भोग लगाएं. रात के समय चंद्रमा की पूजा कर जल अर्पित करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)