Mangla Gauri Vrat Shubh Muhurat: ज्योतिष शास्त्र में सावन माह का विशेष महत्व बताया गया है. इस माह में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. जहां सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा का विधान है. वहीं, सावन के मंगलवार के दिन मां पार्वती की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां पार्वती को समर्पित व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. 


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हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल सावन का आखिरी मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त 2024 को रखा जाएगा. ये साल का आखिरी मंगला गौरी व्रत होगा. इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिन्हें पूजा-पाठ के लिए उत्तम माना गया है. जानें मंगला गौरी व्रत के लिए पूजा मुहूर्त और विधि. 


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मंगला गौरी 2024 शुभ मुहूर्त 


वैदिक पंचाग के अनुसार सावन माह के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस साल चौथा और आखिरी मंगला गौरी व्रत सावन के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिम ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है और ये शम 4 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इसके बाद इंद्र योग शुरू हो जाएगा. वहीं, बता दें कि इस दिन अनुराधा नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है और रवि योग बन रहा है. पंचांग के अनुसार अनुराधा नक्षत्र का शुभारंभ सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर होगा. वहीं, रवि योग भी इसी समय होगा. ये सभी शुभ मुहूर्त पूजा के लिए शुभ बताए जाते हैं. 


मंगला गौरी व्रत पूजा विधि 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान के साथ पूजा करें. भगवन शिव को चंदन, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करें. इसके बाद मां पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें.  शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर जल, दूध अर्पि करें. और इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप निरंतर करते रहें. इसके साथ ही इस दौरान मां पार्वती के मंत्र का जाप करें. पूजा के आखिर में फल और मिठाई का भोग लगाएं. आरती करें और पूजा संपन्न करें. 


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मंगला गौरी व्रत का महत्व 


शास्त्रों में मंगला गौरी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति मंगला गौरी व्रत विधि विधान के साथ रखता है, उसे जीवन में अक्षय फल की प्राप्ति होती है. साथ ही, भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन व्रत का पालन करने से विवाह या संतान पक्ष से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और जल्द ही शुभ परिणाम मिलते हैं.  मंगला गौरी व्रत के दिन दान-पुण्य का भी खास महत्व बताया गया है. इस दिन दान आदि करने से व्यक्ति को पाप और कष्टों सो मुक्ति मिलती है.   


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)