आज सावन प्रदोष व्रत की शाम कर लें ये काम, चुटकियों में मनोकामना पूरी करेंगे भोलेनाथ
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आज सावन प्रदोष व्रत की शाम कर लें ये काम, चुटकियों में मनोकामना पूरी करेंगे भोलेनाथ

Sawan Pradosh vrat: आज सावन महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव जी की पूजा करना सुख-सौभाग्‍य देता है. 

आज सावन प्रदोष व्रत की शाम कर लें ये काम, चुटकियों में मनोकामना पूरी करेंगे भोलेनाथ

Sawan Shukra pradosh vrat 2023 Date: सावन में प्रदोष व्रत का बहुत महत्‍व होता है. प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. आज 14 जुलाई 2023, शुक्रवार को सावन का पहला प्रदोष व्रत है. शुक्रवार के दिन पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्‍य बढ़ता है. सारे कामों में सफलता मिलती है. बाधाएं, कष्‍ट दूर होते हैं. 

सावन प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त 

हिंदी पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज 14 जुलाई 2023 की रात 07 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और 15 जुलाई 2023 की रात 08 बजकर 32 मिनट पर समाप्‍त होगी. चूंकि प्रदोष व्रत में शिव जी की पूजा प्रदोष काल या शाम के समय करने का महत्‍व है इसलिए कुछ लोग आज और कुछ लोग कल यानी कि 15 जुलाई, शनिवार को प्रदोष व्रत कर रहे हैं. जो लोग आज प्रदोष व्रत कर रहे हैं उनके लिए शिव पूजा करने का शुभ समय शाम 07 बजकर 21 मिनट से रात 09 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. 

शुक्र प्रदोष व्रत महत्व 

शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र देव को समर्पित है. ऐसे में शुक्र प्रदोष व्रत और पूजा करने से जातक को भगवान शिव, माता लक्ष्मी और शुक्र देव तीनों की कृपा मिलती है. शुक्र भौतिक सुख, सुविधाएं और धन-ऐश्‍वर्य देते हैं. मां लक्ष्‍मी धन-दौलत, सुख देती हैं. वहीं महादेव सारे कष्‍ट दूर करते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं. 

शुक्र प्रदोष व्रत पूजा विधि 

प्रदोष व्रत के दिन केवल एक समय फल खाने का विधान बताया गया है. बेहतर होगा कि बिना कुछ खाए यह व्रत करें. प्रदोष व्रत की सुबह स्‍नान करने के बाद व्रत का संकल्‍प लें और शिव जी की पूजा करें. शाम के समय शुभ मुहूर्त में शिव-पार्वती को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, भोग, फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं. फिर आटे के 8 दीपक बनाएं और घी का उपयोग करते हुए प्रज्‍वलित करके चारों दिशाओं में रख दें. आखिर में शिव चालीसा पढ़ें और आरती करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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