Shani Vakri 2022: 11 दिन बाद 6 महीने के लिए शनि के प्रकोप से आजाद हो जाएंगी ये राशियां, इस दौरान करें ये काम
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Shani Vakri 2022: 11 दिन बाद 6 महीने के लिए शनि के प्रकोप से आजाद हो जाएंगी ये राशियां, इस दौरान करें ये काम

Shani Vakri Effect: किसी भी ग्रह का स्थान परिवर्तन सभी राशियों के जीवन पर प्रभाव डालता है. जुलाई में शनि ग्रह वक्री जा रहे हैं. ऐसे में कुछ राशियों शनि की चपेट में आ जाएंगी, तो कुछ को शनि से राहत मिलेगी. 

 

फाइल फोटो

Saturn Retrograde 2022: हर माह कोई न कोई ग्रह अपनी मौजूदा राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है. वहीं, कुछ ग्रह वक्री करते हैं. ग्रहों का अपने स्थान से परिवर्तन करना ही सभी राशियों पर प्रभाव डालता है. इस बार जुलाई माह में 5 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन और वक्री करने जा रहे हैं. इसमें सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह शनि भी शामिल है. 

शनि ग्रह 12 जुलाई को वक्री स्थिति में मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 17 जनवरी 2023 तक यही विराजमान रहने वाले हैं. शनि को न्याय के देवता और कर्म फलदाता के नाम से भी जाना जाता है. शनि के कठोन दंड के कारण ही शनि के बुरे प्रभावों से सभी घबराते हैं.  शनि के व्रकी करने से शनि के प्रकोप से कुछ राशियों को 6 महीने के लिए राहत मिल जाएगी. आइए जानें.

ये राशियां शनि के प्रकोप से हो जाएंगी आजाद

शनि ग्रह के मकर राशि में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक राशि के जातक शनि ढैय्या से मुक्त हो जाएंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मीन राशि के जातकों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी. ये तीनों राशियां 6 महीने के लिए शनि के प्रकोप से आजाद हो जाएंगी. 17 जनवरी 2023 से ये राशियां फिर से शनि का प्रकोप झेलेंगी. 

इन राशियों पर शुरू होगी शनि की दशा

शनि के मकर में प्रवेश करते ही मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी. वहीं, धनु राशि के जातक शनि साढ़े साती की चपेट में आ जाएंगे. ये तीनों राशियां सिर्फ 6 महीने के लिए ही शनि की चपेट में आएंगी. क्योंकि 17 जनवरी 2023 को शनि फिर से अपने स्थान पर वापस आ जाएंगे. और जो राशियां शनि की दशा से मुक्त हुई हैं, वे फिर से शनि प्रकोप में आ जाएंगी. 

इस दौरान करें ये उपाय 

- शनि का प्रकोप झेल रहे और शनि के प्रकोप से मुक्त हुए सभी जातक शनि के ये उपाय करते रहेंगे, तो शनि का प्रभाव उन पर कम पड़ेगा. इसलिए इस दौरान शनि के मंत्रों का जाप करें. 

- शनिवार के दिन शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. 

- शनिदेव के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए जरूरतमंदों को दान करें. 

- शनिवार के दिन छायादान का भी विशेष महत्व है. 

- शनि से संबंधित चीजें दान करने से भी लाभ होता है. 

- शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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