Shaniwar Upay: शनिवार सूर्यास्त के बाद ये काम करने से दूर हो जाते हैं सभी कष्ट, रविवार के सूर्योदय से ही बदल जाएगी जिंदगी
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Shaniwar Upay: शनिवार सूर्यास्त के बाद ये काम करने से दूर हो जाते हैं सभी कष्ट, रविवार के सूर्योदय से ही बदल जाएगी जिंदगी

Shani Dev Remedies: शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. इस दिन शनि देव की पूजा करने से शनि की महादशा और शनि की साढ़े साती से छुटकारा मिलता है. शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपायों के बारे में बताया गया है. जानें

 

फाइल फोटो

Shani Dev Aarti In Hindi: हिंदू धर्म में शनि देव के नाम से ही लोग कांप जाते हैं. कहते हैं कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अगर नियमित रूप से सूर्यास्त के बाद उन्हें सरसों का तेल अर्पित कर उनकी पूजा की जाए, तो वे प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पऊर्ण करती हैं. शनि देव को न्याय के देवता और न्यायधीश के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि शनि देव तो प्रसन्न करने के लिए सही समय पर उनकी पूजा करना बेहद जरूरी है. सूर्योदय के बाद शनिदेव की पूजा नहीं करनी चाहिए. अगर कोई जातक ऐसा करता है, तो उसे शनि की कुदृष्टि का सामना करना पड़ता है. 

ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि शनि देव अगर किसी जातक से प्रसन्न हो जाते हैं तो उसे रंक से राजा बनाने में जरा देर नहीं लगाते. लेकिन अगर किसी से रुष्ट हो जाते हैं, तो पल में सड़क पर ले आते हैं. ऐसे में शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिदेव की आरती अवश्य करें. इससे भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं. 

शनि देव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

जय जय श्री शनि देव....

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।

नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

जय जय श्री शनि देव....

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।

मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

जय जय श्री शनि देव....

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

जय जय श्री शनि देव....

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।

विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥

जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

शनिदेव की आरती की महिमा

हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी देवी-देवता की पूजा के बाद अगर आरती और मंत्र  जाप न किया जाए, तो पूजा पूरी नहीं मानी जाती. मान्यता है कि शनिदेव की पूजा के बाद अगर विधिपूर्वक आरती की जाए, तो व्यक्ति पर शनि देव की कुदृष्टि का असर नहीं होता. बता दें कि शनिदेव की आरती सरसों का तेल जलाकर की जाती है. साथ ही, इस दौरान इसमें काले तिल डाल दें. अगर घर के पास शनि मंदिर नहीं है, तो पीपल के पेड़ या फिर हनुमान मंदिर में भी शनि देव की पूजा की जा सकती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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