Navratri 2020: मां दुर्गा के 9 स्वरूपों को चढ़ाएं ये भोग, नवरात्रि में मिलेगा विशेष लाभ
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Navratri 2020: मां दुर्गा के 9 स्वरूपों को चढ़ाएं ये भोग, नवरात्रि में मिलेगा विशेष लाभ

शारदीय नवरात्रि की मान्यता है कि इन 9 दिनों के लिए शक्ति की देवी मां दुर्गा धरती पर अपने मायके आती हैं. इसलिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ भोजन, कपड़े और फल-फूल अर्पित किए जाते हैं. जानिए शारदीय नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों को प्रसाद स्वरूप क्या अर्पित (Offering) करने से होंगी वे प्रसन्न.

शारदीय नवरात्रि का भोग

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) पूजन का विशेष महत्व है. 2020 में 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) की शुरुआत होगी. भारत के विभिन्न राज्यों में 9 दिनों तक मां दुर्गा (Ma Durga) के विभिन्न रूपों को स्थापित कर विधि-विधान से उनका पूजन किया जाएगा. देवी मां के इन रूपों में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

  1. हिंदू धर्म में नवरात्रि पूजन का विशेष महत्व है
  2. 2020 में 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी
  3. मां को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण उन्हें हर दिन अलग प्रसाद चढ़ाते हैं

नवरात्रि और पूजन की मान्यता
शारदीय नवरात्रि की मान्यता है कि इन 9 दिनों के लिए शक्ति की देवी मां दुर्गा धरती पर अपने मायके आती हैं. इसलिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ भोजन, कपड़े, फल-फूल और आहार अर्पित किया जाता है. जानिए शारदीय नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों को प्रसाद स्वरूप क्या अर्पित (Offering) करने से होंगी वे प्रसन्न.

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9 दिन लगेगा अलग भोग
17 अक्टूबर 2020 से मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा प्रारंभ हो जाएगी. इस दौरान मां को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण उन्हें हर दिन अलग प्रसाद चढ़ाते हैं. आप भी जानिए, किस दिन मां के किस रूप को क्या चढ़ाने से होगी विशेष फल की प्राप्ति.

पहला दिन (शैलपुत्री) - नवरात्रि की शुरुआत माता शैलपुत्री के पूजन के साथ की जाती है. इस दिन देवी मां को शुद्ध देसी घी अर्पित करें. ऐसा करने से भक्तों को सभी कष्टों और रोगों से मुक्ति मिलती है.

दूसरा दिन (ब्रह्मचारिणी) - पूजन के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी को शक्कर, सफेद मिठाई, मिश्री और फलों आदि का भोग लगाने से मां की विशेष कृपा हासिल होती है.

तीसरा दिन (चंद्रघंटा) - नवरात्रि के तीसरे दिन माता के स्वरूप चंद्रघंटा का पूजन करने का रिवाज है. उन्हें दूध से बनी मिठाइयों व खीर का भोग लगाया जाता है.

चौथा दिन (कुष्मांडा) - दुर्गा मां के कुष्मांडा स्वरूप को समर्पित नवरात्रि के चौथे दिन उन्हें मालपुआ का भोग चढ़ाएं. पूजन के बाद प्रसाद के तौर पर बच्चों में वितरित कर दें.

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पांचवा दिन (स्कंदमाता) - भक्तों की अच्छी सेहत और मां दुर्गा के आशीर्वाद के लिए नवरात्रि के पांचवे दिन मां के स्कंदमाता स्वरूप को भोग में केला चढ़ाया जाता है.

छठा दिन (कात्यायनी) - नवरात्रि के छठे दिन कात्यायनी देवी को शहद का भोग लगाना शुभ माना गया है. इससे भक्तों के जीवन में मधुरता आती है और उनकी आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है.

सातवां दिन (कालरात्रि) - जिंदगी में आने वाले संकटों से अपनी रक्षा करने के लिए माता के कालरात्रि स्वरूप को गुड़ या उससे बनी मिठाइयों का भोग लगाया जाता है.

आठवां दिन (महागौरी) - नवरात्रि के आठवें दिन माता के महागौरी स्वरूप को नारियल का भोग लगाए जाने की परंपरा है. आप नारियल से बनी मिठाइयां भी उन्हें अर्पित कर सकते हैं.

नौवां दिन (सिद्धिदात्री) - नवरात्रि के आखिरी दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन किया जाता है. इस दिन मां को अनार और तिल का भोग लगाया जाता है.

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