गणपति विसर्जन: इस शुभ मुहूर्त पर होगी अनंत चतुर्दशी की पूजा और बप्पा की विदाई
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गणपति विसर्जन: इस शुभ मुहूर्त पर होगी अनंत चतुर्दशी की पूजा और बप्पा की विदाई

धूमधाम से शुरू हुआ गणेश चतुर्थी का त्योहार 23 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के मौके पर बप्पा की विदाई के साथ संपन्न होगा. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: धूमधाम से शुरू हुआ गणेश चतुर्थी का त्योहार 23 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के मौके पर बप्पा की विदाई के साथ संपन्न होगा. 10 दिनों तक चलने वाला ये पर्व गणपति विसर्जन पर खत्म होता है. इसी दिन अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है. भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी के दिन को अनंत चतुर्दशी या अनंत चौदस के रूप में मनाया जाता है. 

गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त 
13 सितंबर से शुरू हुए गणेशोत्सव में लोग 3, 5, 7 दिन के लिए बप्पा की स्थापना करते करते हैं और चतुर्दशी के दिन सभी गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन होता है. अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन सुबह 8 बजे से 12 बजकर 30 मिनट तक, दोपहर 2 बजे से साढ़े तीन बजे तक किया जाएगा. इस दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना बहुत उत्तम माना जाता है. वहीं कुछ लोग इस दिन घरों में सत्यनारायण की कथा भी करवाते हैं. 

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अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त 
अनंत चतुर्दशी, 23 सितंबर सुबह 6 बजकर 29 मिनट ये लग रहा है और 24 सितंबर सुबह 7 बजकर 19 मिनट बजे तक रहेगा. इस दिन श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है. इस व्रत में स्नानादि करने के बा अक्षत, दूर्वा, शुद्ध रेशम और कपास के सूत से बने और हल्दी से रंगे हुए चौदह गांठ के अनंत की पूजा की जाती है. अनंतदेव का ध्यान करके इस शुद्ध अनंत, जिसकी पूजा की गई होती है, को पुरुष दाहिनी और स्त्री बायीं भुजा में बांधते हैं. 

क्यों मानते हैं अनंत चर्तुदशी 
पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक माना जाता है कि इसको धारण करने से संकटों का नाश होता है. भगवान कृष्ण की सलाह से पांडवों ने इसका पालन किया और सभी संकटों से मुक्त हुए. इसका पालन करने से और अनंत सूत्र बांधने से व्यक्ति की हर तरह के संकट से रक्षा होती है. सुख और समृद्धि की कामना करते हुए इस रक्षा सूत्र को धारण किया जाता है. 

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