Surya Aarti: सूर्य उपासना के दौरान पढ़ें ये आरती, आदित्य देव होते हैं प्रसन्न
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Surya Aarti: सूर्य उपासना के दौरान पढ़ें ये आरती, आदित्य देव होते हैं प्रसन्न

Surya Aarti: अगर आप सूर्य की उपसना कर रहे हैं तो पूजा के बाद उनकी आरती जरूर करें. उपासना के बाद आरती से आदित्य देव प्रसन्न होते हैं. 

Surya Aarti: सूर्य उपासना के दौरान पढ़ें ये आरती, आदित्य देव होते हैं प्रसन्न

Surya Aarti: मंगलवार से सूर्य उपासना का महापर्व छठ की शुरुआत होगी. ऐसे में सभी व्रती लोग भगवान सूर्य की पूजा में जुट जाएंगे. पहले दिन नहाय खाये, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन सांध्य उपासना या सांध्य अर्घ्य और चौथे या अंतिम दिन सूर्योदय के वक्त अर्घ्य देकर पूजा की समाप्ती हो जाएगी. ऐसे में व्रती और उनके परिजन शुद्धता का खास ख्याल रखते हैं. इस दौरान बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है.

इस पर्व की खासियत है कि उपासना के दौरान किसी भी पुरोहित की जरुरत नहीं होती है. लेकिन उपासना के बाद सूर्य भगवान की आरती की जाती है. ऐसे में हम अपने पाठकों के लिए आरती यहां पेश कर रहे हैं जिससे कि उन्हें सूर्य की आरती करने में सुविधा हो.

यहां पढ़ें पूरी आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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