ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अंगूठा शुक्र ग्रह का कारक है, जबकि चांदी चंद्र ग्रह का कारक होता है. यदि शुक्र की स्थिति अच्छी नहीं है तो चांदी का छल्ला अंगूठे में धारण कर सकते हैं.
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नई दिल्ली: लाइफ में कई बार मेहनत करने के बाद भी कार्य निष्फल हो जाता है. जिसस मन में निराशा का भाव उत्पन्न हो जाता है. ऐसे में माना जाता है कि किस्मत का साथ नहीं मिल रहा है. अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो चांदी छल्ला मददगार साबित हो सकता है. चांदी का छल्ला कब और किस प्रकार धारण करना चाहिए इसे जानते हैं.
-अंगूठे में पहनने के लिए चांदी का छल्ला बिना जोड़ का होना चाहिए. चांदी का छल्ला महिलाओं को बाएं हाथ में जबकि परुषों को दाएं हाथ में धारण करना चाहिए. दरअसल चांदी का छल्ला चंद्रमा का कारक है.
-चांदी का छल्ला सूर्य और शनि की स्थिति को मजबूत करता है. साथ ही ये भाग्य को मजबूत करने में सहायक होता है. इसके अलावा राहु ग्रह का दोष भी दूर होता है. जिससे मन शांत रहता है.
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-ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हाथ का अंगूठा शुक्र ग्रह का कारक है. वहीं चांदी चंद्र ग्रह का कारक है. अगर कुंडली में शुक्र की स्थिति अच्छी नहीं है तो ऐसे में चांदी का छल्ला अंगूठे में धारण कर सकते हैं. शुक्र ग्रह के मजबूत होने पर जीवन में तमाम सुख-सुविधाएं मिलती हैं.
-चांदी का छल्ला पहनने से बुध ग्रह भी ठीक हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि बुध और शुक्र में मित्रता का भाव रहता है. बुध दोष खत्म होने पर नौकरी-व्यापार में सफलता मिलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)