Vastu Tips for Kitchen: क्या भरपूर मेहनत के बाद भी आपके हाथ में पैसा नहीं टिक रहा? ऐसे में आपको वास्तु के उपाय अपनाने की जरूरत है. इन उपायों से आपकी कई समस्याएं दूर हो जाएंगी.
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Vastu Tips for Water and Plants: वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में कई ऐसे अचूक उपाय बताए गए हैं. इनमें से कई छोटे-बड़े टोटके बड़े काम के माने जाते हैं. कहा जाता है कि इनका उपयोग करके आप अपने घर और वहां रहने वाले सदस्यों के जीवन को खुशहाल, निरोगी और सुख समृद्धि से भरपूर बना सकते हैं. आइए जानते हैं कि वास्तु के ऐसे उपाय कौन से हैं, जिनके प्रयोग से हम अपने जीवन की दशा-दिशा दोनों बदल सकते हैं.
दाड़िम के पौधे में मां लक्ष्मी का वास
दाड़िम के पौधे में लक्ष्मी जी का वास होता है. किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के हस्त नक्षत्र में दाड़िम का पौधा लगाएं और श्री सूक्त के पाठ से इन पौधों को जाग्रत करवा दें. आपका घर सुख समृद्धि से भर जाएगा. घर के ईशान कोण यानी पूर्व उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा लगाएं तो उसके औषधीय गुण और भी बढ़ जाते हैं. घर की उत्तर दिशा में अशोक का पेड़ लगाने से घर शोक रहित हो जाता है.
घर बनाने से पहले ही प्लॉट में पेड़ (Vastu Tips for Plants) लगा कर सजाने से घर हमेशा ही ऐश्वर्यपूर्ण रहता है. पूर्व दिशा में फलदार पेड़ लगाएं और पश्चिम में कमल लगाना अत्यंत ही शुभ फलदायी होता है.
रसोई में चटक रंग का पेंट न करवाएं
घर में सेप्टिक टैंक को भवन के वायव्य कोण यानी उत्तर पश्चिम और उत्तर दिशा के बीच में बनवाएं. यदि सेप्टिक टैंक उत्तर दिशा में बनवाया तो धन का नाश होने लगता है.
रसोई घर (Vastu Tips for Kitchen) में ठंडे रंगों जैसे गुलाबी, सफेद, हरा आदि का इस्तेमाल करना चाहिए, बहुत चटक और तीखे रंगों का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है. किचन में गैस बर्नर, हीटर आदि दीवार से तीन इंच दूर ही रखना चाहिए. गैस बर्नर रसोई के दरवाजे के ठीक सामने नहीं रहना चाहिए.
दक्षिण पूर्व भाग में न रखें जल व्यवस्था
जिस घर के दक्षिण पूर्व भाग में जल (Vastu Tips for Water) की व्यवस्था होती है तो वहां के लोगों को फेफड़े संबंधी रोग जैसे दमा, अस्थमा आदि और पेट संबंधी रोग हो सकते हैं. दक्षिण में भी पानी की व्यवस्था नहीं करनी चाहिए, उत्तर पूर्व दिशा में जल की व्यवस्था करना से सबसे अच्छा रहता है.
घर का ब्रह्म स्थान यानी आंगन या केंद्र स्थान दूषित होता है तो व्यक्ति की उन्नति नहीं होती है. ब्रह्म स्थान पर दरवाजा, बीम, खंभा और दीवार आदि नहीं होना चाहिए. ब्रह्म स्थान खुला, खाली और साफ सुथरा ही रहना चाहिए.
दरवाजे और चौखट में न हों जोड़
चौखट और दरवाजे में जोड़ नहीं होने चाहिए, जोड़ होने पर घर का मालिक दुखी रहता है. चौखट और दरवाजे का अंदर या बाहर की तरफ झुकाव भी उचित नहीं रहता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)