भूलकर भी ऐसे न तोड़ें तुलसी के पत्ते, लग सकता है पाप, होता है आर्थिक नुकसान!
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भूलकर भी ऐसे न तोड़ें तुलसी के पत्ते, लग सकता है पाप, होता है आर्थिक नुकसान!

way to plucking basil leaves: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तुलसी का पौधा पवित्र और पूजनीय माना जाता है. यही कारण है कि इसे हाथ लगाने और इसके पत्तों को तोड़ने के लिए भी कुछ बातें बताई गई हैं.

 

भूलकर भी ऐसे न तोड़ें तुलसी के पत्ते, लग सकता है पाप, होता है आर्थिक नुकसान!

तुलसी को हिंदू धर्म में काफी पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है. तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल धार्मिक कार्यों से लेकर आयुर्वेदिक और घरेलू कामों में भी किया जाता रहा है. लेकिन इसे तोड़ने को लेकर भी कुछ चीजों का ध्यान रखा जाता है. कहा जाता है कि गलत तरीके से तुलसी के पत्ते तोड़ने से गलत प्रभाव पड़ता है. ऐसे में तुलसी के पत्तों को तोड़ने का सही तरीका क्या है ये जान लेना जरूरी हो जाता है.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तुलसी का पौधा पवित्र और पूजनीय माना जाता है. यही कारण है कि इसे हाथ लगाने और इसके पत्तों को तोड़ने के लिए भी कुछ बातें बताई गई हैं.

अगर आपको तुलसी के पत्तों की जरूरत है तो पहले तुलस के गमले में मौजूद टूटे हुए पत्तों को उठा लें. इसके बाद भी आपको और पत्तों की जरूरत होती है तो आप पौधे से पत्ते तोड़ लें लेकिन इस दौरान आप इस बात का ध्यान रखें कि आपका नाखून पत्तों को तोड़ते वक्त उसमें न लगे. इसके लिए आप अपनी उंगलियों के पोर से पत्तों को तोड़ सकते हैं. नाखून से तुलसी के पत्तों को तोड़ना अशुभ माना गया है.

तुलसी के पत्तों को तोड़ने के लिए दिन भी महत्व रखता है. रविवार को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. इसके अलावा द्वादशी, अमावस्या और चतुर्दशी के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ने से आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

तुलसी के पत्तों को हमेशा उजाले में ही तोड़ना चाहिए, सूर्य के अस्त हो जाने के बाद इसे नहीं तोड़ना चाहिए. कहा जाता है कि राधा का स्वरूप मानी जाने वाली देवी तुलसी शाम के समय कृष्ण के साथ वन में रास रचान के लिए निकलती हैं इसलिए भी शाम को पत्तों को तोड़ना गलत माना जाता है. यही नहीं, ग्रहण के दौरान भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.

पत्तों को तोड़ने से पहले नहा लें और साफ हाथों से ही उन्हें तोड़ें. टूटे हुए पत्तों को भी साफ हाथ से ही उठाएं. तुलसी का सूखा हुआ पौधा घर में नहीं रखना चाहिए, पौधा सूख जाए तो उसे नदी में विसर्जित कर देना चाहिए.

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