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नई दिल्ली: ग्रहण- ये नाम सुनते ही मन में नकारात्मक भाव उत्पन्न होने लगते हैं. ऐसा लगता मानो कुछ बुरा होने वाला है. वैसे तो सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) और चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) सामान्य खगोलीय घटनाएं हैं जो हर साल होती हैं लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण और ज्योतिष (Jyotish) के लिहाज से सभी ग्रहण को अशुभ समय माना जाता है और इस दौरान ऐसे कई काम हैं जिन्हें करने की मनाही होती है. साथ ही हर ग्रहण का अपना-अपना शुभ या अशुभ प्रभाव होता है. साल 2021 की बात करें तो इस साल कुल 4 ग्रहण लगने वाले हैं. 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण.
1. 26 मई 2021 को लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण. यह भारत में उपछाया चंद्र ग्रहण होगा
2. 10 जून 2021 को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण. भारत में यह ग्रहण आंशिक रूप से दिखेगा
3. 19 नवंबर 2021 को लगेगा साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण. यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा
4. 4 दिसंबर 2021 को लगेगा साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा
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साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के साथ-साथ भारत में भी दिखाई देगा. हिंदी पंचांग (Panchang) के अनुसार यह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा जो भारतीय समयानुसार दोपहर में 2:17 बजे से शुरू होकर शाम में 7:19 बजे तक लगेगा. जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सीधी रेखा में आ जाते हैं तब सूर्य की सीधी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है. इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं.
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चंद्र ग्रहण का लगना अशुभ माना जाता है और इसलिए ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले से ही सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों को नहीं किया जाता. भारत में 26 मई को लगने वाला साला पहला चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण है इसलिए इस दौरान सूतक काल नहीं लगेगा लेकिन फिर छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होगी ताकि ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचा जा सके.
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