बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर आप भी रुकते हैं? जानें अंधविश्‍वास और वैज्ञानिक कारण
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बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर आप भी रुकते हैं? जानें अंधविश्‍वास और वैज्ञानिक कारण

Myth vs Science Cat crosses your path: काली या सफेद बिल्‍ली के रास्‍ता काटने को लेकर अंधविश्‍वास और भ्रांतियां हैं. जबकि बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर रुकने के पीछे प्रमुख वजह वैज्ञानिक कारण है. 

फाइल फोटो

Billi ka Rasta Katna: यदि बिल्‍ली रास्‍ता काट दे तो लोग या तो कुछ देर के लिए ठहर जाते हैं या अपना रास्‍ता बदल देते हैं. माना जाता है कि बिल्‍ली रास्‍ता काट जाए तो उस रास्‍ते से नहीं जाना चाहिए, वरना कोई अनहोनी घटना हो जाती है. इस मामले में बिल्‍ली के रंग को लेकर भी मान्‍यताएं हैं. काली बिल्‍ली और सफेद बिल्‍ली के रास्‍ता काटने के अलग-अलग मतलब निकाले जाते हैं. वैसे तो इस तरह बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर रुकने को अंधविश्‍वास या भ्रांति माना जाता है जबकि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी वजह है. हालांकि बिल्लियों को लेकर तरह-तरह के मिथ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में प्रचलित हैं. कहीं बिल्‍ली को शुभ माना जाता है तो कहीं अशुभ. आइए जानते हैं बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर रुकते क्‍यों है. 

बिल्‍ली ही नहीं किसी भी जानवर के रास्‍ता काटने पर रुकें 

बिल्‍ली को अशुभ मानने का वैसे तो कोई भी वैज्ञानिक कारण सिद्ध नहीं हो पाया है. लेकिन काली बिल्ली को अपशगुन मानने वाले बड़ी तादाद में हैं. इसी तरह सफेद बिल्‍ली को लेकर शगुन-अपशगुन प्रचलित हैं. जहां तक बात के रास्‍ता काटने पर रुकने की है तो यह परंपरा रात के समय के लिए शुरू की गई थी. दरअसल, पहले के समय में जब बिजली नहीं थी, तब रास्‍ते में कोई भी आहट होती थी तो लोग रुक जाते थे, ताकि यदि कोई जंगली जानवर रास्‍ता पार कर रहा है तो वो आराम से रास्‍ता पार कर ले. वो हमें कोई नुकसान ना पहुंचा पाए और ना ही उसे हमसे कोई नुकसान हो. धीरे-धीरे इस परंपरा को काली बिल्‍ली के साथ जोड़ दिया गया. इसके पीछे भी एक खास वजह थी 

महामारी से बचने के लिए करते थे ये काम 
 
बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर रुकने से जुड़े अंधविश्‍वास की बात करें तो इस चलन के शुरू होने के पीछे भी खास वजह है. दरअसल, दशकों पहले चूहों के कारण अक्‍सर प्‍लेग की बीमारी फैल जाती है और इस महामारी के कारण हजारों लोग मर जाते हैं. चूंकि बिल्‍ली का प्रमुख भोजन चूहा है. ऐसे में बिल्‍ली के जरिए ये संक्रमण लोगों में फैलने की आशंका रहती थी इसलिए बिल्‍ली से दूरी बनाकर रखने के लिए कहा जाता था. जिस जगह से बिल्‍ली निकलती थी, वहां पर संक्रमण के कीटाणु रहने की संभावना रहती थी इसलिए लोग थोड़ी देर के लिए उस जगह पर जाने से बचते थे. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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