नैनीताल स्थित ARIES के वैज्ञानिक डॉ. शशि भूषण पांडे के मुताबिक साल के पहले सूर्यग्रहण की घटना अपने आप में महत्वपूर्ण है.
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नई दिल्ली: 21 जून को साल 2020 का पहला सूर्यग्रहण (Solar Eclipse 2020) लगने जा रहा है. साल का पहला सूर्यग्रहण आषाढ़ मास की अमावस्या को मिथुन राशि पर लग रहा है. यह सूर्यग्रहण सुबह 10 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा. जबकि यह दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा. सूर्यग्रहण काल दोपहर 1 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
नैनीताल स्थित ARIES के वैज्ञानिक डॉ. शशि भूषण पांडे के मुताबिक यह घटना अपने आप में महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सूर्यग्रहण की घटना इसके बाद अब 21 मई 2021 को ही भारत मे नजर आएगी, जबकि पूर्ण सूर्यग्रहण 20 मार्च 2034 को नजर आएगा.
डॉ. शशि भूषण पांडे के मुताबिक सूर्य ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है. सूर्यग्रहण की घटना वालयाकार आंशिक रूप में दिखाई पड़ेगी. नैनीताल में सूर्यग्रहण को 95 से 96 प्रतिशत तक देखा जा सकेगा, जबकि देहरादून में 99% तक नजर आएगा.
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वैज्ञानिकों की मानें तो 21 जून को लग रहे सूर्यग्रहण को नग्न आंखों से देखने पर असर पड़ सकता है. इन खगोलीय घटनाओं के जरिए ही सूर्य और चंद्रमा को लेकर कई वैज्ञानिक पहलुओं का भी अध्ययन किया जा सकता है.
सूतक काल में क्या करें क्या नहीं?
ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. इस दौरान कुछ अपवाद छोड़कर बाकी सभी तरह की मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं. सूतक काल के दौरान किसी को कुछ खाना-पीना नहीं चाहिए, न ही पूजा-पाठ या कोई शुभ कार्य करना चाहिए. कहा जाता है कि ग्रहण एक तरह की खगोलीय घटना है इस वजह से ग्रहण का प्रभाव भगवान पर भी पड़ता है. इस दौरान लोगों को स्नान-ध्यान और दान का सुझाव दिया जाता है, इससे आंतरिक दोष कम होता है.