Shagun Ka Sikka: शगुन के लिफाफे में एक रुपया जरूर क्यों शामिल किया जाता है? यह महज परंपरा है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है
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Shagun Ka Sikka: शगुन के लिफाफे में एक रुपया जरूर क्यों शामिल किया जाता है? यह महज परंपरा है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है

Shagun Ka Sikka in Hindi: क्या आप जानते हैं कि जब भी आप किसी शादी-विवाह में जाते हैं तो परिवार के बड़े-बुजुर्ग शगुन के लिफाफे में एक रुपया रखकर ही देने की सलाह क्यों देते हैं. आज हम इसका रहस्य डिकोड करने जा रहे हैं.

Shagun Ka Sikka: शगुन के लिफाफे में एक रुपया जरूर क्यों शामिल किया जाता है? यह महज परंपरा है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है

Shagun Ke Sikke Mein Ek Rupya Dene ki Vajah: आपने अक्सर देखा होगा कि चाहे किसी के विवाह का मौका हो, जन्मदिन हो या अन्य कोई शुभ अवसर हो. जब भी किसी को शगुन का लिफाफा दिया जाता है तो उसमें 1 रुपये का सिक्का जरूर शामिल किया जाता है. क्या आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है. क्या इसके पीछे महज धार्मिक परंपरा है या फिर कोई वैज्ञानिक कारण भी हैं. आज हम इस बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं. 

विषम संख्याएं गतिशीलता और प्रगति का प्रतीक!

ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक सनातन धर्म में विषम संख्याएं गतिशीलता और प्रगति का प्रतीक मानी जाती है. वे इस बात को दर्शाती हैं कि जीवन हमेशा आगे बढ़ता रहेगा. वहीं सम संख्या स्थिरता और एक जगह रुक जाने का प्रतीक होती है. यही वजह है कि मांगलिक और शुभ अवसरों पर शगुन के लिफाफे में हमेशा 11, 21, 31, 51, 101, 501, 1001 रुपये नेग दिए जाते हैं. 

अशुभ अवसरों पर दी जाती है ऐसी धनराशि

वहीं अशुभ अवसरों पर सम संख्याओं यानी 10, 20, 50, 100, 500 या 1000 रुपये का दान दिया जाता है. किसी व्यक्ति के निधन, श्राद्ध या पितृ पक्ष में अक्सर इस तरह के दान दिए जाते हैं. यह सम संख्याएं शांति और पूर्णता का प्रतीक मानी जाती हैं. इसका अर्थ होता है कि अब जीवन रुक गया है और दिवंगत आत्मा को शांति मिलने की जरूरत है. 

शगुन में 1 रुपया जोड़ने के वैज्ञानिक कारण

अगर गणितीय दृष्टिकोण से बात की जाएं तो सम संख्याएं स्थिरता और विषम संख्या गतिशीलता की प्रतीक मानी जाती हैं. विषम संख्याएं इस बात को जाहिर करती हैं कि जीवन में आगे बढ़ें और अपने लक्ष्य पर पहुंचें.

वैज्ञानिकों के मुताबिक संख्याएं हमारे मस्तिष्क को अलग-अलग ढंग से प्रभावित करती हैं. न्यूरो-प्लेसबो सिद्धांत के अनुसार, सम संख्याएं जीवन में संतुलन और शांति का अहसास करवाती हैं. वहीं विषम संख्याएं सकारात्मकता और उम्मीद को बढ़ावा देती हैं. 

यदि हम ऊर्जा के सिद्धांत की बात करें तो विषम संख्याएं ऊर्जा के लगातार प्रवाह का प्रतीक होती हैं. इन संख्याओं का ये अर्थ होता है कि चाहे जीवन हो, कारोबार हो, रिश्ते हों या अन्य कुछ हो. उसमें विस्तार और प्रगति की लगातार संभावनाएं हैं. वहीं सम संख्याएं इसके उलट ऊर्जा के रुक जाने का संकेत देती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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