Lord Hanuman: भगवान राम के अनन्य भक्त और दूत हनुमान जी को विद्या, बुद्धि, शौर्य, साहस का दाता माना जाता है. मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा और उपासना करने से भक्त को ज्ञान, प्रतिष्ठा और जीवन में उन्नति की प्राप्ति होती है. जो लोग इन चीजों की कामना करते हैं, उन्हें हनुमान जी के इस विशेष स्वरूप की पूजा करनी चाहिए.


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सूर्यदेव के शिष्य स्वरूप की करें पूजा


हनुमान जी बचपन में खेल-खेल में सूर्य को सुंदर फल समझ कर खाने के लिए दौड़ पड़े थे किंतु जैसे ही उन्हें ज्ञात कराया गया कि वह सूर्य कोई फल नहीं बल्कि सर्वाधिक बलशाली और ज्ञान के भंडार हैं तो हनुमान जी  सूर्यदेव को गुरु मानकर उनकी आराधना में लीन हो गए. सूर्य देव भी उनके तप से प्रसन्न हो गए तो उन्हें अनेकों वरदान दिए. मंगलवार के दिन बजरंगबली के सूर्यमुखी स्वरूप की आराधना करने वाले को यह सभी चीजें आसानी से प्राप्त हो जाती हैं. घर में बजरंग बली का ऐसा चित्र लाकर रखना चाहिए जिसमें वह सूर्य की ओर देखते हुए उनकी भक्ति में लीन हों. 



सूर्य को जल का अर्घ्य देने से मिलती हनुमत कृपा


बजरंगबली के इस स्वरूप की आराधना करने से अटके हुए कामों को पूरा होने में देर नहीं लगती है. उनकी पूजा करने से नाम और प्रसिद्धि दोनों मिलती है. मंगलवार को प्रातः काल जागने और नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद तांबे के पात्र में जल भर कर सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य चढ़ा कर अपने ही स्थान पर चारों ओर तीन बार घूम कर उनका आशीर्वाद पाना चाहिए.


 


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इसके बाद घर के पूजा घर में पूर्वाभिमुख हो हनुमान जी के सूर्यदेव की भक्ति वाले चित्र के सामने बैठकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए,पूजा पूर्ण होने के बाद आरती कर उठना चाहिए. ऐसा करने से उन्नति का मार्ग खुलता है. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)