Shyam Baba Mela Gurugram: श्याम बाबा के देशभर में कई मंदिर हैं. कई मंदिर ऐसे हैं जो बहुत प्राचीन हैं और लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुईं हैं. गांव धनकोट स्थित प्राचीन श्री श्याम बाबा प्रांगण में दो दिवसीय मेले का गुरुवार को शुभारंभ हुआ.
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Shyam Baba Mandir Gurugram: श्याम बाबा के देशभर में कई मंदिर हैं. कई मंदिर ऐसे हैं जो बहुत प्राचीन हैं और लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुईं हैं. गांव धनकोट स्थित प्राचीन श्री श्याम बाबा प्रांगण में दो दिवसीय मेले का गुरुवार को शुभारंभ हुआ. मेले में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और दर्शन किए. इस मेले की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती हैं. श्रद्धालुओं का आना बुधवार से ही शुरू हो गया था. गुरुग्राम का श्याम बाबा मंदिर बहुत प्राचीन है. सालों से यहां पर होली से पहले दो दिवसीय भव्य मेला लगता आ रहा है, जिसके लिए भक्त काफी उत्साहित भी रहते हैं.
मेले के लिए की गई खास व्यवस्थाएं
गुरुवार को बड़ी संख्या में श्याम मंदिर में आए. कई लोग झंडा उठाए नाचते गाते दिखे. बाबा श्याम के दर्शन के लिए भक्तों की लाइन पूरे दिन लगी रही. श्री श्याम बाबा ट्रस्ट ने भक्तों के लिए प्रसाद और भंडारे की व्यवस्था की है. हालांकि मेले की पूरी व्यवस्था मैनेजमेंट ट्रस्ट, ग्राम पंचायत और ग्रामवासियों के साथ मिलकर की जाती है. ग्राम पंचायत द्वारा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पानी, साफ-सफाई, शौचालय व यातायात के लिए निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे और पुलिस बल का भी सहयोग लिया जाता है. मेले के दौरान श्री श्याम बाबा और राधा कृष्ण की झांकी भी निकाली जाती है. यें झांकी श्रद्धालुओं के लिए यह आकर्षण का केंद्र बनी रहती है. आसपास के गांव भी इस मेले में उपस्थित होने के लिए आते हैं.
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क्यों कहा जाता है हारे का सहारा
खाटू श्याम को भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार के रूप में जाना जाता है. राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम बाबा का भव्य मंदिर स्थित जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार श्याम बाबा का संबंध महाभारत काल से है. खाटू श्याम भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे बर्बरीक हैं. इन्हीं की खाटू श्याम के रूप में पूजा की जाती है. कथाओं के अनुसार बर्बरीक में बचपन से ही वीर और महान योद्धा माना जाता था. श्री कृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया था कि धरती पर तुम से कोई बड़ा दानी नहीं है और ना ही कोई बनेगा. लोग तुम्हारे दरबार में आकर जो भी मांगें उन्हें मिलेगा. इसी के चलते श्याम बाबा को हारे का सहारा कहा जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)